जाने उप-मुख्यमंत्री बनने को क्यों तैयार हुए शिंदे
महाराष्ट्र में देवन्द्र फड़नवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। देवेन्द्र फडणवीस के साथ साथ अजीत पंवार और एकनाथ शिंदे ने भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। आखिरकार नतीजे आने के लगभग बारह दिन ये भी अधिक समय के बाद मुख्यमंत्री की शपथ हुई। इस शपथ के पहले लगातार गठबंधन के दलों के बीच तालमेल बिठाने में लंबा समय लग गया। अब लगातार सवाल इस बात को लेकर है कि आखिर एकनाथ शिंदे उप-मुख्यमंत्री बनने को क्यों तैयार हो गए हैं। दरअसळ इसके पीछे दो तीन कारण है जिसके चलते एकनाथ शिंदे ने उप-मुख्यमंत्री बनना पसंद किया।
शिवसेना में वर्चस्व बनाए रखना
शिवसेना में वर्चस्व को बनाए रखना एक बड़ी वजह रही। अगर एकनाथ शिंदे खुद उप-मुख्यमंत्री न बनकर किसी और नेता को आगे लेकर आते तो शायद पार्टी के अंदर ही खींचतान हो जाती। इसी के चलते शिंदे ने किसी और को आगे नहीं करके खुद ही उपमुख्यमंत्री बनना पसंद किया।
गठबंधन के धर्म को निभाना
एकनाथ शिंदे के लिए गठबंधन के धर्म निभाना भी जरूरी है। एकनाथ शिंदे बीजेपी और शिवसेना के बीच के अहम कड़ी के तौर पर जाने जाते है। एकनाथ शिंदे ने ही शिवसेना के विधायकों के साथ बगावत की और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। बीजेपी ने उस वक्त गठबंधन धर्म को निभाते हुए शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया और कभी मुख्यमंत्री रहे देवेन्द्र फड़णवीस उनके उपमुख्यमंत्री बनें। अब बारी एकनाथ शिंदे की थी इसलिए उन्होंने भी गठबंधन के धर्म को निभाया।
शिवसेना में किसी तरह के पावर सेंटर न बने
शिवसेना में अभी तक एकनाथ शिंदे निर्विवाद नेता रहे हैं। और कहा जा सकता है कि शिदें शिवसेना के एकमात्र नेता है जिनके हाथ में पार्टी की कमान है । आने वाले दिनों में बीएमसी के चुनाव हैं ऐसे में शिवसेना को और मजबूत बनाने के लिए एकनाथ शिंदे के लिए ये पद और पार्टी की कमान दोनों ही अपने हाथ में रखना जरूरी हो जाता है।
जल्द होगा मंत्रिमंडल विस्तार
मुबई में अब जल्दी ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मंत्रिमंडल मे तय फार्मूले के हिसाब से मंत्रियो को शपथ दिलाई जाएगा। खबर है कि फिलहाल बीजेपी के सबसे ज्यादा मंत्री होंगे और वो अपनी हो सकते हैं और एनसीपी के 8-10 मंत्री होंगे।