खेलो इंडिया गेम्स की स्कॉलरशिप ने किया तीरंदाजी में आने के लिए प्रोत्साहित
बिहार में इन दिनों खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 जारी है। जिसमें तीरंदाजी अंडर-18 प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। भागलपुर में आयोजित की इस प्रतियोगिता में युवा खिलाड़ी अपना हुनर दिखा रहे हैं। भागलपुर स्थित सैंडिस कंपाउंड में इस प्रतियोगिता के तहत हो रहे खेलों में तमिलनाडु के युवा तीरंदाज स्मरण सरवेश भी शामिल हैं, जो अपनी चुनौती पेश कर रहे हैं। स्मरण सरवेश दरअसल तमिलनाडु के ऐसे इकलौते खिलाड़ी हैं जो बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में इस कटेगरी में अपने स्टेट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
युवा खिलाड़ी ने बताए स्कॉलरशिप के फायदे
वे भी खेलो इंडिया के स्कीम का हिस्सा हैं
एक युवा खिलाड़ी को इससे काफी मदद मिलती है
भारतीय खेल प्राधिकरण और खेल महासंघ से मिलता है सपोर्ट
स्कॉलरशिप मिलने लगी तो उनका मन इस खेल में लगने लगा
खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में स्मरण सरवेश तीरंदाजी में पुरुषों के रिकर्व व्यक्तिगत स्पर्धा फाइनल के प्रवेश कर चुके हैं। अब वे गुरुवार 8 मई को अपने खिताबी मुकाबले में गोल्ड पर निशाना साधने के लिए उतरेंगे। बता दें स्मरण सरवेश की मां तमिलनाडु में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस यानी के एसपी की पद पर तैनात हैं। उनका बेटा अब तीरंदाजी में गोल्ड पर निशाना साधने के लिए तैयार है। फाइनल मुकाबले में गुरुवार 8 मई को तमिलनाडू के स्मरण सरवेश का सामना महाराष्ट्र के उज्जवल भरत ओलेकर से होगा।
सरवेश का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि पिछली दो प्रतियोगिता में उन्होंने जो गलती की थी वो गलती यहां नहीं दोहरायेंगेे। सरवेश ने कहा पहले राउंड में उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं था, लेकिन आज वे एक अलग माइंडसेट के साथ मैदान में उतरे थे। उन्होंने पूरे मन से आज अपना खेल खेला। उन्हें अब उम्मीद है कि फाइनल मुकाबले में वे इस बार गोल्ड मेडल जीतकर ही लौटेंग।
दरअसल 16 वर्ष के सरवेश अब तक तीन चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके हैं। पहली बार सरवेस ने सितंबर 2024 में ताइपे में आयोजित यूथ इंटरनेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। जहां वे चौथे नंबर पर रहे थे। इसके बाद सरवेश ने इस साल फरवरी 2025 में थाइलैंड बैंकॉक में आयोजित एशिया कप में भी अपनी चुनौती को पेश किया था। साथ वे फरवरी 2025 में ही देहरादून में अपनी कटेगरी में टॉप-8 में शामिल थे।
सरवेश ने कहा वे जब 5 साल के थे तभी से उनकी मां चाहती थी कि वे शूटिंग में खेलें। लेकिन इसे शुरू करने के लिए कम से कम आठ साल उम्र होना जरुरी है। ऐसे में उनकी मां को लगता था कि शूटिंग शुरू करने के लिए कुछ प्रैक्टिस होना चाहिए। दोनों एक जैसा ही खेल है। लिहाजा वे प्रैक्टिस करने के लिए तीरंदाजी करने लगे। उन्होंने बताया खेलो इंडिया योजना के तहत सभी खिलाड़ियों को हर माह 10 हजार रुपये बतौर स्कॉलरशिप के रुप में मिलते हैं। सरवेश का नाम भी उसी स्कीम में शामिल हैं। सरवेश ने हाल में 10वीं की परीक्षा दी है। उन्हें अपने स्टेट तमिलनाडु से तो स्कॉलरशिप मिल ही रही है। इसके साथ ही रिलायंस फाउंडेशन की ओर से भी उन्हें स्कॉलरशिप मिलना शुरू हो गई है।