कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मिली सफलता ने उसके लिए दक्षिण का द्वार खोल दिया है। छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के बाद कर्नाटक के रुप में अब देश के चार राज्यों में कांग्रेस सरकार में होगी। ऐसे में राज्य में नई सरकार के गठन और मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पार्टी में मंथन शुरु हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने रविवार की शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में दो शीर्ष नेता के नाम शामिल हैं। पहले नेता पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हैं जबकि दूसरे नेता कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार हैं। जहां सिद्धारमैया को पार्टी का कद्दावर नेता माना जाता है तो वहीं डीके शिवकुमार राज्य में मुख्य रणनीतिकार माने जाते हैं।
- अब देश के चार राज्यों में कांग्रेस की सरकार
- छत्तीसगढ़, राजस्थान और हिमाचल के बाद कर्नाटक
- कांग्रेस के लिए खुला दक्षिण का द्वार
- डीके शिवकुमार हैं कांग्रेस की जीत के रणनीतिकार
- 2024 तक कायम रखना होगा ये संजीवनी
- कर्नाटक से खुलेंगे क्या दिल्ली के दरवाजे
10 साल बाद सत्ता में वापसी
कर्नाटक में 10 साल बाद कांग्रेस ने अपने दम पर सत्ता में वापसी की है और भाजपा के कब्जे वाला एकमात्र दक्षिणी राज्य फिसल रहा है। ऐसे में पार्टी के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता है तो राज्य का मुख्यमंत्री कौन होगा। कर्नाटक में कांग्रेस को 136 सीटें मिली हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी को महज 65 सीटें मिली हैं। इसके साथ ही कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर राज्य में हर पांच साल में सत्ता बदलने की परंपरा को कायम रखा है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन होगा नाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। राज्य में पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार का नाम सबसे अधिक सुर्खियों में ये दो चेहरे पूरे चुनाव के दौरान सक्रिय रहे। चुनाव परिणाम के बाद नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ बैठक की। इसके बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित किया गया। इस दौरान सिद्धारमैया के हाव-भाव बता रहे थे कि वह सीएम की रेस में आगे चल रहे हैं। हालांकि सूत्रों से भी ऐसा संकेत मिल रहा है। दरअसल नतीजों के बाद जब कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया की बारी आई तो सभागार में मौजूद कार्यकर्ताओं ने डीके शिवकुमार से ज्यादा पूर्व मुख्यमंत्री के लिए तालियां बजाईं। इस बीच रविवार शाम को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी है। जिसमें सीएम कौन होगा इसके लिए नाम फाइनल हो सकता है।
क्या लागू होगा ढाई ढाई साल का फार्मूला
पार्टी सूत्र बताते हैं कि सिद्धारमैया को लेकर पार्टी के भीतर आम सहमति है। पार्टी सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद सौंप सकती है। हालांकि डीके शिवकुमार को राज्य में कांग्रेस की जीत का मुख्य रणनीतिकार माना जा रहा है। ऐसे में दो दो साल मुख्यमंत्री वाला फार्मूला कर्नाटक में कांग्रेस आजमा सकती है। हालांकि यह फार्मूला अघोषित तौर पर छत्तीसगढ़ में भी लागू किया गया था, जब भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया, और टीएस सिंहदेव को ढाई साल बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपने की बात कही गई, लेकिन यह हो न सका। सिद्धारमैया ने कहा कि सरकार बनने के बाद जो पहली कैबिनेट बैठक होगी। उसमें सभी पांचों वादों पर मुहर लगा देंगे। यह हमारे लिए मौज-मस्ती करने का अवसर नहीं है, बल्कि हमारे लिए चार्टर की 5 गारंटियों और वादों पर अमल करने और उन्हें पूरा करने का अवसर है। यह भी उल्लेख किया जाना चाहिए कि कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलग-अलग गुट हैं हालांकि कांग्रेस चुनाव के दौरान दोनों नेताओं को एक साथ लाने में कामयाब रही।
कांग्रेस में जागी लोकसभा चुनाव को लेकर नई उम्मीद
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अब कांग्रेस को उम्मीद है कि वह लोकसभा चुनाव भी जीत सकती है। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को लगने लगा है कि 2024 में मोदी का महल हिल सकता है। कर्नाटक में मिली जीत से कांग्रेस नेताओं को लगने लगा है कि राज्यसभा के बाद अब वे लोकसभा भी जीत सकते हैं। आइए जानते हैं क्या होगा पार्टी का मास्टर प्लान। दरअसल कर्नाटक में जीत के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का बयान सामने आया है। इस बयान से लगता है कि कांग्रेस अब 2024 के लिए और मजबूत रणनीति तैयार कर रही है। एक चेहरा। उनके इस बयान के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या कांग्रेस ने मोदी का जादू तोड़ा है। बड़ा सवाल यह है कि क्या लोकसभा में भी राज्य के चुनावों के मुद्दे भुनाए जाएंगे। क्या विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा में भी प्रदर्शन कर पाएगी कांग्रेस पार्टी? जयराम रमेश के बयानों से लगता है कि अब पार्टी 2024 के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कर्नाटक में हार के बाद दिल्ली के दरवाजे 2024 के लिए पूरी तरह से खुले हैं। वे कांग्रेस की जीत को मिशन दिल्ली से जोड़ रहे हैं। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव के लिए शतरंज का खेल अब शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और शिवसेना नेता संजय राउत एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का कहना है यह 2024 की शुरुआत है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि कर्नाटक चुनाव परिणाम का रुझान 2024 तक चलेगा। हमारा मकसद बीजेपी को हराना है।