कर्नाटक Karnataka की राजनीति में एक बार फिर आंतरिक शक्ति संघर्ष खुलकर सामने आ गया है। मुख्यमंत्री सिद्दरमैया Chief Minister Siddaramaiah और उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार Deputy Chief Minister D.K. Shivakumar के बीच चल रही खींचतान अब तबादलों के मुद्दे पर टकराव में बदल गई है। ताज़ा मामला पांच वरिष्ठ इंजीनियरों के तबादले से जुड़ा है, जिसे लेकर उपमुख्यमंत्री ने खुलकर नाराजगी जताई है।
तबादलों पर बिफरे उपमुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री सिद्दरमैया द्वारा PWD (लोक निर्माण विभाग) के पांच वरिष्ठ इंजीनियरों का तबादला जल संसाधन विभाग में किए जाने के बाद, उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को बाकायदा पत्र लिखकर इसे मंत्रियों के बीच बनी मूलभूत सहमति का उल्लंघन बताया है। शिवकुमार ने पत्र में साफ किया कि सरकार गठन के समय यह सहमति बनी थी कि उनके विभाग से संबंधित किसी भी नियुक्ति या तबादले के लिए उनकी पूर्व अनुमति अनिवार्य होगी। इस सहमति की अनदेखी करना न केवल प्रशासनिक मर्यादाओं का उल्लंघन है, बल्कि यह राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील मसला है।
राजनीतिक महत्व के तबादले
जानकारी के अनुसार जिन अधिकारियों का तबादला हुआ है, वे सभी वरिष्ठ और रणनीतिक पदों पर रहे हैं। जल संसाधन विभाग न केवल प्रशासनिक रूप से बल्कि अंतर्राज्यीय जल विवादों और परियोजनाओं की वजह से राजनीतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या कहती है कांग्रेस नेतृत्व?
हालांकि कांग्रेस हाईकमान की ओर से इस मामले पर अब तक कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को जल्द सुलझाने की कोशिश करेगा ताकि सरकार की छवि पर आंच न आए।