कर्नाटक में मौसम के साथ विधानसभा चुनाव की गरर्मी बढ़ती जा रही है। यहां सियासी सद प्रत्याशियों के नाम पर मंथन में जुटे है।। कर्नाटक विधानसभा चुनाव भाजपा, कांग्रेस के साथ लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण हैं। जबकि इस साल नौ राज्यों के चुनाव होने हैं। कर्नाटक भी उनमें से एक है। कर्नाटक 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को परिणाम आएंगे। मतदान में लगभग एक महीना बाकी है। राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने महत्वपूर्ण लड़ाई के लिए कमर कस ली है। जिसे अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए ट्रेलर के रूप में पेश किया जा रहा है।
- 10 मई को होना है कर्नाटक में मतदान
- 13 मई को आएंगे कर्नाटक चुनाव के नतीजे
- लोकसभा चुनाव से पहले ट्रेलर है कर्नाटक चुनाव
- कांग्रेस जीती तो चार राज्यों में हो जाएगी उसकी सरकार
- भाजपा के लिए अहम है दक्षिण का यह राज्य
लोकसभा चुनाव पर पडे़गा असर
कर्नाटक चुनाव के नतीजों का असर अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों के साथ ही तेलंगाना, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के तीन विधानसभा चुनावों पर भी पड़ने की संभावना है। कांग्रेस के लिए कर्नाटक चुनाव पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले देश में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका है। यदि कांग्रेस कर्नाटक चुनाव जीतती है तो पार्टी के लिए इसका मतलब चार राज्यों में सत्ता में होना होगा।
कर्नाटक अकेला दक्षिणी राज्य,जहां बीजेपी की सरकार
कर्नाटक के विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह इसलिए क्योंकि भाजपा के लिए जो अपने पदचिह्न का विस्तार करने की कोशिश कर रही है। इस साल का चुनाव महत्व रखता है। 2013 और 2018 के चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी लेकिन बहुमत के निशान को पार करने में विफल रही। जिससे राज्य में कांग्रेस.जद एस गठबंधन शासन का मार्ग प्रशस्त हुआ। हालाँकि कांग्रेस.जद एस के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के बाद भाजपा 2019 में सत्ता में वापस आ गई।
अब देखने वाली बात यह है कि क्या भाजपा का हश्र पिछले चुनावों की तरह ही होगा या वह अपना बहुमत साबित करेगी और एक अकेले चुनाव जीतेगी। पार्टी प्रमुख लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा पर निर्भर है।
विवादों का केंद्र कर्नाटक
बता दें पिछले एक दो साल में कई कारणों से कर्नाटक खबरों में रहा है। यह शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध का केंद्र बना था। राज्य ने टीपू सुल्तान बनाम सावरकर बहस भी देखी है। कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने पहले स्टा कहने पर विवाद खड़ा कर दिया था।