कर्नाटक विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। यहां 24 मई को विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राज्य विधानसभा की 224 सीटों के लिए 10 मई को मतदान होगा और परिणाम 13 मई को सामने आएंगे। 24 मई और 224 सीटों पर गौर करें तो 2024 लोकसभा चुनाव का सेमीफाइल माना जा रहा है। दरअसल दक्षिण भारत में भाजपा के सामने अपने एकलौते दुर्ग कर्नाटक की सत्ता को बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। कांग्रेस के लिए वापसी का चैलेंज है। यहां सीएम बसवराज बोम्मई के सहारे भाजपा अपनी सत्ता को बरकरार रखने की जद्दोजहद में जुटी हुई है। जबकि कांग्रेस डीके शिवकुमार सिद्धरमैया की जोड़ी को आगे कर सत्ता में वापसी की कोशिश में लगी है तो जेडीएस कुमारस्वामी के दम पर किंगमेकर बनने का ख्वाब देख रही है।
- कर्नाटक में है बीजेपी की सरकार
- 2018 में कांग्रेस थी सबसे बड़ी पार्टी
- कांग्रेस विधायकों ने की थी पार्टी से बगावत
- 14 महीने में गिर गई थी कांग्रेस जेडीएस की सरकार
- बीजेपी ने येदियुरप्पा के नेतृत्व में बनाई थी सरकार
- 2021 में बीजेपी ने बसवराज को बनाया था मुख्यमंत्री
- अब बीजेपी के सामने सत्ता बचाए रखने की चुनौती
बता दें कर्नाटक में पिछली बार मई 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। 224 विधानसभा सीटों में से पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 104 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं, कांग्रेस ने 80 और जेडी एस ने 37 सीटें जीती थीं। हालांकि किसी दल को बहुमत नहीं मिला था। बात करें 2018 की तो सत्ता संभालने वाली कांग्रेस ने जेडीएस से गठबंधन किया था, लेकिन यह सरकार 14 महीने ही चली और गिर गई। तब एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। 14 महीने बाद ही जब कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार गिरी तो बीएस येदियुरप्पा को मौका मिला। कांग्रेस के बागी विधायकों ने साथ देकर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया।हालांकि दो साल बाद येदियुरप्पा भी मुख्यमंत्री पद से दूर हो गया तब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में सीएम बदलते हुए बसवराज बोम्मई को बीएस येदियुरप्पा का उत्तराधिकारी चुना था।
5 साल में बदले तीन मुख्यमंत्री
कर्नाटक में पिछले पांच साल के दौरान तीन सीएम बदले । पहले कुमार स्वामी ने 23 मई 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद येदियुरप्पा ने 26 जुलाई 2019 से 28 जुलाई 2021 तक सीएम की कुर्सी संभाली। इसके बाद येदियुरप्पा ने इस्तीफा दिया तो 28 जुलाई 2021 को बसवराज मुख्यमंत्री बने। कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से बीजेपी के पास 119 सीटें हैं। यहां बीजेपी की बोम्मई सरकार है। कांग्रेस ने 2018 में 75 सीट जीतीं थी, तो उसके सहयोगी दल जेडीएस के खाते में 28 सीटें थीं। ऐसे में अब बीजेपी इस चुनाव में सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी। ऐसे में कांग्रेस भी पूरे दमखम से चुनाव में मैदान उतरी और जीत दर्ज कर सत्ता में वापसी की कोशिश करेगी।
कर्नाटक में बीएसपी भी मैदान में है। सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले चुनाव में बीएसपी ने एक सीट जीती थी जो उसके लिए बड़ी उपलब्धि से कम नहीं था। बीएसपी के अलावा पूरे देश में अपना विस्तार करने की कोशिश में लगी अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी कर्नाटक चुनाव में नजर आ रही है। बीएसपी और आम आदमी पार्टी के मैदान में उतरने से मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। दरअसल आम आदमी पार्टी ने हाल ही में गुजरात विधानसभा चुनाव में 5 सीट जीतकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया है। ऐसे में कर्नाटक में आम आदमी पार्टी यहां बीजेपी और कांग्रेस के वोट बैंक में सैंध लगाने की तैयारी में है।