Kanjhawala Death Case: दिल्ली के के कंझावला इलाके में 1 जनवरी की सुबह 20 वर्षीय अंजलि की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। अंजलि स्कूटी से जा रही थी, कार से टक्कर हुई और अंजलि का पैर कार के एक्सेल में फंस गया। कार ने अंजलि को करीब 12 किलोमीटर तक घसीटा और अंजलि की दर्दनाक मौत हो गई। अब जानकारी मिली है कि कार को ट्रैक करने के लिए पीसीआर वैन और रात्रि गश्त इकाइयों सहित कम से कम 10 गाड़ियों को लगाया गया था।
पांचों आरोपी में एक करता था सट्टे का काम
एक डिजिटल प्लेटफॉर्म ने दावा किया है कि पांचों आरोपियों के घर पर ताले लटके हैं और वे सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन में ही बंद हैं। पड़ोसी बताते हैं कि इनमें से चार आरोपियों पर किसी तरह के हंगामे या दारूबाजी वगैरह का आरोप नहीं है। एक आरोपी मनोज मित्तल ही सट्टे का धंधा करता है।
वहीं हिट एंड रन केस के आरोपी दीपक और अमित खन्ना की बुआ ने उस प्लेटफॉर्म को बताया, ‘हमारे पुरखे लाहौर से दिल्ली आए थे। हमारे बाप की किस्मत खराब थी, जो हम मंगोलपुरी में आकर बसे। नहीं तो हमारे जैसे खन्ना दिल्ली के पटेल नगर जैसे अच्छे इलाकों और बंबई (मुंबई) जैसे शहरों में बसते हैं। फूटी किस्मत हमें यहां ले आई।’ बुआ का कहना है कि झगड़े की वजह से उन लोगों का आना-जाना बंद था।
अंजलि ने शराब नहीं पी थी
इस मामले की मुख्य गवाह निधि ने दावा किया कि अंजलि रात में नशे की हालत में थी और वो स्कूटी चलाने की जिद कर रही थी। वहीं दूसरी ओर, अंजलि के परिवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस दावे का खंडन किया और कहा कि अंजलि ने कभी शराब नहीं पी। वह कभी शराब पीकर घर नहीं आयी।
अंजलि ने नहीं किया कभी निधि का जिक्र
परिवार का यह भी दावा है कि अंजलि और निधि ए दूसरे को केवल 15 दिनों से जानते थे। निधि ने भी अब पुलिस को बताया है कि यह पहला मौका था जब वे 31 तारीख की रात को एक साथ निकली थीं। अंजलि और निधि एक होटल में पार्टी अटेंड करने गई थीं। अंजलि और निधि के नाम पर एक कमरा बुक किया गया था और होटल बुक करने के लिए उनके आधार कार्ड होटल अधिकारियों को दिए गए थे।
अंजलि की लाश बहुत बुरी हालत में मिली
अंजलि को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 12 किलोमीटर तक घसीटा गया था, जिसकी वजह से उसके शरीर पर 40 चोटें लगी थीं। उसका ब्रेन मैटर भी गायब था। फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, अंजलि आगे के बाएं पहिये पर फंसी हुई थी।
पुलिस टीमें नाकाम रहीं
कंझावला, होशंबी बॉर्डर और अमन विहार से तीन पीसीआर वैन उन 10 वाहनों में शामिल थीं, जो पुलिस कंट्रोल रूम में कई कॉल आने के बाद कार का पता लगाने के लिए रात में निकलीं थीं। हालांकि, वे 12 घंटे तक कार का पता नहीं लगा सकी थीं। .
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