चुनावी साल में साफ्ट हिंदुत्व की ओर कमलनाथ,बागेश्वर धाम में किये दर्शन, हिंदू राष्ट्र के सवाल पर क्यों साधा मौन

Kamal Nath Hindutva election year

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही धर्म की राजनीति गरमा रही है। सियासी मुद्दों में धार्मिक के मंत्रों की गुंज भी सुनाई देने लगी है। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता कमलनाथ भी बागेश्वर धाम की शरण में पहुंचे। सोमवार को बागेश्वर धाम पहुंचे कमलनाथ ने कहा है कि वे हनुमान जी के पुजारी हैं। इसीलिए दर्शन करने आए हैं। हालांकि हिंदू राष्ट्र के सवाल पर कमलनाथ ने कुछ नहीं कहा। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और सीनियर कांग्रेस नेता कमलनाथ बागेश्वर धाम सरकार के दर्शन करने के लिए पहुंचे थे। जहां उन्होंने मीडिया के सवाल का जवाब दिया और कहा कि वे हनुमान जी के पुजारी है। जिसके चलते वे यहां दर्शन करने आया हैं। कमलनाथ ने क​हा क्या धर्म का ठेका बीजेपी ने ले रखा है। हालांकि कमलनाथ हिंदू राष्ट्र के सवाल पर बिना जवाब दिए निकल गए। इस मुलाकात को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं।

कमलनाथ का साफ्ट हिंदुत्व

दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ छतरपुर जिला स्थित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में शामिल होने 13 फरवरी को बागेश्वर धाम के गढ़ा गांव पहुंचे। कमलनाथ ने बागेश्वर धाम मंदिर में दर्शन और पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात की। चुनावी साल में कमलनाथ की धार्मिंक यात्रा को कमलनाथ का साफ्ट हिंदुत्व माना जा रहा है। खुद को हनुमान भक्त और हिंदुत्व का पक्षधर बताने वाले कमलनाथ के बागेश्वर धाम जाने को लेकर इस वर्ष के अंत में प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी देखा जा रहा है।

धीरेन्द्र शास्त्री के अनुयायी में नजर आ रहे वोटर

बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री को कांग्रेस ही नहीं कोई भी पार्टी चाहकर भी अनदेखा नहीं कर पा रही है। क्योंकि उनके प्रदेश ही नहीं देश में करोड़ों अनुयायी हैं। धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सनातन का चेहरा बनते जा रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को यह डर सताने लगा है कि कहीं बीजेपी चुनाव से ठीक पहले हिंदुत्व के एजेंडे के जरिए धीरेंद्र शास्त्री को हाईजैक ना करे ले। लिहाजा कमलनाथ सही समय पर दांव चल दिया। क्योंकि अकेले मध्य प्रदेश में ही बाबा के लाखों की संख्या में भक्त हैं। जिसका असर चुनाव पर सीधे तौर पर पड़ेगा। कमलनाथ खुद को हनुमान भक्त और साफ्ट हिंदुत्व का पक्षधर बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस की यह चुनाव को देखते हुए यह एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर दो धड़ों में बंटी थी कांग्रेस

इससे पहले बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कांग्रेस दो गुटो में बंटी दिखी थी। नागपुर में धीरेंद्र शास्त्री के सभा के बिना प्रदेश लौटने के बाद कांग्रेस का एक धड़ा उन हमलावर दिखाई दिया तो दूसरे ने उनके पक्ष में बयान दिया। जहां नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने बागेश्वर महाराज को लेकर टिप्पणी की थी। वहीं इसके बाद पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में बयान दिया था। अब माना जा रहा है कि कमलनाथ के बागेश्वर धाम जाने से उनके विरोध में कांग्रेसी बोलने से बचेंगे।

ओमकारेश्वर और महाकालेश्वर में की पूजा

कमलनाथ ने राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में ओमकारेश्वर और महाकालेश्वर में दर्शन और पूजन किया था। कमलनाथ ने 15 महीने की सरकार में ऊं सर्किट, एक हजार गौ शाला बनवाने, पुजारियों का मानदेय बढ़ाने वाले कई निर्णय लिये थे। कांग्रेस भी कमलनाथ को हिंदू धर्म के रास्ते पर चलने वाले नेता के रूप में पेश कर रही हैं। अब देखना होगा कि बागेश्वर धाम की यात्रा से कांग्रेस को चुनाव में कितना फायदा होता हैं।

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