MP Congress Committee:चुनाव से पहले कमलनाथ की नई टीम घोषित, अग्रवाल बोले सूची अंतिम नहीं होगा संशोधन, पार्लियामेंट्री अफेयर कमेटी के अब दो ‘नाथ’

Kamal Nath new team announced before elections

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस ने चुनाव से पहले संगठन में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव के लिए पार्लियामेंट्री अफेयर कमेटी, प्रदेश उपाध्यक्ष, महासचिव और जिला अध्यक्षों की नई टीम तैयार की है। इस टीम में 50 उपाध्यक्ष के साथ 105 महासचिव बनाए हैं। कई जिलों के शहर और जिला अध्यक्ष बदले गए हैं। वैसे तो ये सूची पार्टी जनरल सेक्रेटरी केसी वेणुगोपाल ने जारी की है। लेकिन सूची को देखकर लगता है संगठन के नए सिरे से गठन में पीसीसी चीफ कमलनाथ की ही चली है। कमलनाथ ने अपने समर्थकों को महत्वपूर्ण पद सौंपे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि नई कार्यकारिणी में सभी गुटों को साधने की कोशिश की गई है, लेकिन सूची को देखकर ऐसा लगता नहीं है।

रात में जारी किया अग्रवाल ने बयान

वहीं मप्र कांग्रेस संगठन में फेरबदल की सूची जारी होते ही विरोध के स्वर भी मुखर होने लगे थे। कांग्रेस में हलचल भी शुरू हो गई थी। ऐसे में देर रात प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जयप्रकाश अग्रवाल ने बयान जारी कर कहा कि सूची संपूर्ण और अंतिम नहीं है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद विस्तार और संशोधन किया जाएगा।

पार्लियामेंट्री अफेयर कमेटी में पिता पुत्र की जोड़ी

कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी में भोपाल से पार्लियामेंट्री अफेयर कमेटी कमलनाथ और नकुलनाथ के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और विधायक आरिफ अकील शामिल हैं। वहीं 50 उपाध्यक्ष में 7 भोपाल से हैं। इसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोविंद गोयल, जेपी धनोपिया, मानक अग्रवाल, राजीव सिंह, साजिद अली, राजकुमार पटेल और सैयद साजिद अली के नाम शामिल हैं। गोविंद गोयल पहले कोषाध्यक्ष, उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके है। उन्होंने 2013 में गोविंदपुरा से विधानसभा चुनाव लड़ा था। जेपी धनोपिया कांग्रेस पार्टी के चुनाव का पूरा काम देख रहे हैं। वह पहले महासचिव थे। मानक अग्रवाल वरिष्ठ नेता हैं। उनकी प्रदेश कांग्रेस में वापसी हुई है। वह उपाध्यक्ष, प्रवक्ता और महामंत्री के पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं

मप्र में पिता पुत्र की कांग्रेस-शिवराज

वहीं कांग्रेस पदाधिकारियों की नई सूची को लेकर बीजेपी भी चटकारे ले रही है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ की नई टीम को लेकर तंज कसते हुए कहा कार्यकारिणी नहीं सर्कस है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस में कार्यकर्ता कोई बचा ही नहीं। जितने थे सबको पदाधिकारी बना दिया गया। ये अद्भुत पार्टी है। 150 महामंत्री बना दिए। ये 550 भी कर देंगे। पॉलिटिकल अफेयर कमेटी देखकर लगता है कांग्रेस कहीं मां-बेटे की पार्टी है, तो कहीं पिता-पुत्र की पार्टी। ये कांग्रेस की नियति हो गई है। कार्यकर्ता कौन है। केवल तुष्टिकरण चल रहा है। कमलनाथ जी रोज एक नया वादा कर देते हैं। पुराने वादे पूरे किए नहीं। कमलनाथ ये सोच रहे होंगे कि झूठे वादे कर फिर सत्ता में आ जाएं, तो प्रदेश की जनता उनको ये मौका नहीं देने वाली।

टिकट चाहने वाले विधायकों को रखा संगठन से दूर

कांग्रेस में संगठन चुनाव होने के बाद से प्रदेश और जिला संगठन में परिवर्तन की तैयारी चल रही थी। पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह सहित अन्य नेताओं से विचार-विमर्श करने के बाद चुनाव लड़ने वाले नेताओं को संगठन के दायित्व से मुक्त करने का निर्णय लिया था। इसके बाद विधायक झूमा सोलंकी, फूंदेलाल सिंह मार्को और राकेश मावई ने इस्तीफा दे दिया था। वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रस्ताव पर केंद्रीय संगठन ने इसमें विधायकों को नहीं रखा गया है। इधर भोपाल दक्षिण सीट से कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा को भी पार्टी प्रदेश महासचिव के पद से हटा दिया है।

मुख्यधारा में लौटे मानक

वहीं कांग्रेस में लंबे समय से गुमनाम रहने वाले मानक अग्रवाल को फिर संगठन में मौका मिला है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष रहे मानक अग्रवाल की मुख्यधारा में वापसी हुई है। साथ ही महामंत्री राजीव सिंह का कद बढ़ाकर उन्हें उपाध्यक्ष बनाया दिया गया है। इस बार कार्यकारी अध्यक्ष एक भी नहीं रखा गया है। भोपाल जिला इकाई के अध्यक्ष को लेकर निर्णय नहीं हो पाया है। वहीं इंदौर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को प्रदेश महामंत्री बनाया गया है। उनकी जगह अरिवंद बागड़ी शहर कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे।

भोपाल को लेकर असमंजस

भोपाल कांग्रेस शहर और ग्रामीण जिलाध्यक्ष को लेकर असंमंजस बना हुआ है। यहां शहर अध्यक्ष की कमान केके मिश्रा और ग्रामीण में अरुण श्रीवास्तव अध्यक्ष संभाले हुए हैं। पार्टी से जुड़े लोग बताते हैं पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि विधानसभा चुनाव नए अध्यक्ष के साथ जाएं या फिर केके मिश्रा और अरुण श्रीवास्तव को आगे बढ़ाएं। यही वजह है भोपाल शहर और ग्रामीण दोनों में असमंजस के चलते नाम पर फैसला नहीं हो सका।

पूर्व पार्षद अमित शर्मा को बनाया महासचिव

भोपाल से पूर्व पार्षद अमित शर्मा को पहली बार महासचिव बनाया गया है। इसके अलावा भोपाल ग्रामीण से कांग्रेस अध्यक्ष अवनीश भार्गव और वर्किंग प्रेसिडेंट आसिफ जकी को भी पहली बार जगह मिली है तो अब्दुल नासिर, पार्षद प्रवीण सक्सेना और महेंद्र सिंह चौहान को दोबारा महासचिव बनाया गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दीपचंद यादव को भी जगह दी गई है।

देखें वीडियो-

मप्र कांग्रेस के दो 'नाथ'

 

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