झारखंड विधानसभा चुनाव में कल्पना सोरेन की भूमिका अहम

झारखंड विधानसभा चुनाव में कल्पना सोरेन की भूमिका अहम

झारखंड में चुनावों का ऐलान हो चुका है। इन चुनावों में कल्पना सोरेन की भूमिका क्या होगी ये सवाल सभी के मन में है। इस सवाल के पीछे का कारण ये है कि पिछले कुछ महीनों में कल्पना सोरेन एक सुलझे और मंजे हुए नेता की तरह उबऱ कर आई है। दरअसल कल्पना झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने की पत्नी है और हेमत सोरेन के मनी लाड्रिंग मामले पर जेल जानेन के बाद कल्पना सक्रिय राजनीति में आई। कल्पना सोरने ने पार्टी के कामकाज संभालने के साथ साथ लोकसभा चुनावों में भी जमकर प्रचार किया। दिल्ली के रामलीला मैदान में कल्पना के भाषण में वो सभी गुण दिखाई दिए जो एक परिपक्व नेता में होते हैं। इसी भाषण के बाद से इंडिया गठबंधन की तरफ से कल्पना को झारखंड में प्रचार की जिम्मेदारी भी दी गई। कलप्ना ने आदिविसियों के लिए आरक्षित पांच सीटों पर प्रचार किया था और इंडिया गठबंधन ने उन सभी सीटों पर जीत हासिल की। कुछ ही महीनो पहले राजनीति में आई कल्पना को लेकर माना जाता है कि उनकी सभाओं में भीड़ खींचीं आती है। हेमंत सोरने बतौर मुख्यमंत्री प्रशासनिक कार्यों को देख रहे होते है तो वहीं कल्पना पार्टी से संबंधित कार्यों को देखना और कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत कर प्लानिंग का काम करती है। कल्पना ने विधानसभा चुनावों के एलान के पहले झारखंड के पांच बड़े संभागों में लगातार दौरे भी किए। कल्पना उड़ीसा से पढ़ी लिखी है और उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। अब देखना होगा कि झारखंड के विधानसभा चुनावों मे कल्पना की क्या भूमिका रहेगी क्योकि पिछले कुछ महीनों में कल्पना पार्टी की सबसे बड़ी उम्मीद बनकर उभरी हैं।

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