कालीसिंध पार्वती चंबल नदी जोड़ो परियोजना: बीस साल बाद जागी आस…जानें एमपी के लिए यह परियोजना कितनी है खास
देशभर में नदी जोड़ो परियोजनाओं को लेकर तेजी से काम चल रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी इस पर खास जोर दे रहे हैं। इस बीच दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय की ओर से त्रिपक्षीय बैठक बुलाई गई। जिसमें केंद्रीय जल संसाधन विभाग की ओर से पार्वती कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना को लेकर महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना से मध्यप्रदेश के 13 और राजस्थान के भी 13 जिलों को फायदा होगा।
कालीसिंध पार्वती चंबल नदी जोड़ो परियोजना
MP और राजस्थान के बीच MoU साइन
दो दशकों से अटका था मामला
तीन नदियों को जोड़ने में खर्च होंगे 72 हजार करोड़
एमपी राजस्थान की तस्वीर बदलेगी परियोजना
राजस्थान के 13 जिलों को मिलेगा भरपूर पानी
एमपी के भी 13 जिलों में बुझेगी धरती की प्यास
20 साल बाद हल हुआ विवाद
जल्द शुरु होगा परियोजना पर काम
बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के साथ एमपी के सीएम मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने आपसी सहमति से पार्वती-कालीसिंध-चंबल विवाद को सुलझाया है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि 20 साल पुराने इस विवाद के हल हो जाने से कालीसिंध पार्वती चंबल नदी जोड़ो परियोजना क काम शीघ्र शुरु होगा। यह परियोजना एमपी और राजस्थान दोनों राज्यों की तस्वीर बदल देगी।
मध्य प्रदेश, राजस्थान और केंद्र सरकार के बीच दिल्ली स्थित श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के संबंध में त्रिपक्षीय समीक्षा बैठक बुलाई गई। इस दौरान एमपी के सीएम डॉ.मोहन यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में आकांक्षी नदी जोड़ो अभियान पर काम चल रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्यों के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना पर बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। केंद्र शासन के सहयोग से दोनों राज्यों के बीच बीस वर्ष पुराने विवाद को सुलझा लिया गया है।
दो दशक से चला आ रहा था विवाद
पार्बती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना को लेकर मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पिछले दो दशक से विवाद चला आ रहा था। अब विवाद निपट जाने के साथ ही दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच परियोजना को लेकर संशोधित एमओयू पर हस्ताक्षर करने की भी सहमति बन चुकी है।
यह था पूरा विवाद?
मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच विवाद 2004 में पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना का प्रस्ताव सामने आने के बाद शुरु हुआ था।। राजस्थान की ओर से 2005 में किये गये समझौते के तहत ही नदियों पर बांध बनाने की बात कही। जिसके लिए तब मध्यप्रदेश तैयार नहीं हुआ था। मध्यप्रदेश की ओर से एनओसी नहीं देने के बाद भी राजस्थान ने बांध बनाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद मध्यप्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी।
देवास जिले में है कालीसिंध नदी का उद्गम स्थल
कालीसिंध नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के देवास जिले से होता है। यह आगे चल कर राजस्थान में चंबल नदी से समाहित हो जाती है। इसी के चलत इस परियोजना में चंबल नदी को भी शामिल किया गया है। बात करें पार्वती नदी की तो यह पार्वती नदी भी एमपी के सीहोर और गुना जिले से बहती हुई राजस्थान के बारां जिले तक पहुंचती है। जहां सवाई माधोपुर में पाली ग्राम के पास चम्बल नदी से इसका मिलाप होता है। बता दें पार्वती और चंबल नदी का संगम स्थल वह स्थान है जिसे प्राचीन काल में त्रिवेणी संगम के नाम से भी जाना जाता था।