किसने रखा था कालिंदी एक्सप्रेस के सामने एलपीजी सिलेंडर…जानें कैसे हुई साजिश नाकाम

यूपी के कानपुर से एक बड़ा मामला सामने आ रहा है। जानकारी के अनुसार यहां एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया है। दरअसल लोको पायलट की सूझबूझ से यह हादसा टला है। बता दें पटरी पर एलपीजी सिलेंडर रखा ​था, जिसे देखते ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक लिया। जांच अधिकारियों को घटना स्थल से एलपीजी सिलेंडर के साथ कई दूसरी संवेदनशील साम्रगी मिलीं हैं। इस मामले में ATS की टीम जांच में जुटी है। साथ ही मामले में FIR भी दर्ज कर ली गई है। बताया जाता है कि प्रयागराज से भिवनैं के लिए रवाना होने वाली कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार होने से बची है।

कानपुर में एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया। यहां लोको पायलट ने अपनी सूझबूझ दिखाई और इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। जांच में जुटी पुलिस और एटीएस को घटना स्थल से एलपीजी सिलेंडर के साथ कई अन्य संवेदनशील साम्रगी भी मिलीं है। अब ATS की टीम इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है। इसके साथ ही FIR दर्ज कर संदिग्धों की खोज की जा रही है, जिन्होंने रेल पटरी पर सिलेंडर रखा था।
खबरों की मानें तो यूपी के कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन प्रयागराज से भिवनैं के लिए रवाना हुई थी, इस दौरान यह घटना कानपुर के शिवराजपुर के रेलवे ट्रैक के पास हुई। जहां पटरी के बीचो बीच एक एलपीजी गैस सिलेंडर रखा था। जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्रेन को एलपीजी सिलेंडर से टकरार कर धमाके के साथ उड़ाने की साजिश रची गई थी।

यह नाकाम साजिश कानपुर सेंट्रल से महज 30 किमी दूर स्थित शिवराजपुर क्षेत्र के रेलवे ट्रैक पर की गई। इस घटना के बाद रेलवे ने सर्तक बड़ा दी है। बता दें यह लाइन बरेली मंडल के अधीन आती है। रविवार की रात करीब साढ़े 8 बजे कालिंदी एक्सप्रेस यहां से गुजर रही थी,जो लोको पायलट की सूझबूझ से हादसे से बाल-बाल बच गई।

इंजन से टकराया, पर फटा नहीं सिलेंडर

बता दें कानपुर सेंट्रल से महज 30 किमी दूर शिवराजपुर क्षेत्र के रेलवे ट्रैक पर ट्रेन के ड्राइवर को पटरी पर सिलेंडर दिखाई दिया था। इसके बाद उसने ट्रेन को इमरजेंसी ब्रेक लगा कर रोका, हालांकि रफ्तार अधिक होने के चलते रुकते रुकते भी ट्रेन का इंजन सिलेंडर से टकरा गया। ट्रेन से टकराकर सिलेंडर उछलकर दूर गिरा लेकिन वह फटा नही। ट्रेन से टकराने के बाद सिलेंडर के नहीं फटने से हादसा टल गया, अन्यथा रेल की पटरी धमाके से उखड़ जाती। इंजन सहित कई बोगियां भी पटरी से उतर जाती। इससे जानमाल का बड़ा नुकसान होने का आशंका थी।

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