उज्जैन में 66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ आज सोमवार 12 नवंबर को होने जा रहा है। जिसमें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल होंगे। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी इस मौके पर मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से 2022 और 2023 के लिए शास्त्रीय नृत्य, शास्त्रीय संगीत, रूपंकर कलाएं के साथ रंगकर्म में उत्कृष्ट प्रदर्शन होगा। इसके लिए राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण उपराष्ट्रपति धनखड़ की ओर से पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। आयोजन में करीब दो घंटे तक उपराष्ट्रपति उज्जैन में ही रहेंगे।
- 66वें अभा कालिदास समारोह
- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे सम्मानित
- 12 से 18 नवंबर तक चलेगा कालिदास समारोह
- शाम 4 बजे होगा समारोह का उद्घाटन
66वें अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करीब दो घंटे रहेंगे। शुभारंभ से पहले उपराष्ट्रपति महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। महाकाल लोक भ्रमण भी वे करेंगे।
उपराष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन की टीम की ओर से कार्यक्रम स्थल सहित शहर का सौदर्याकरण किया जा रहा है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार उपराष्ट्रपति 12 नवंबर को दोपहर बाद इंदौर से उज्जैन पहुंचेंगे। श्री महाकाल मंदिर पहुंच पूजन-अर्चन करेंगे। महाकाल लोक का भ्रमण भी कर सकते हैं। इसके बाद वे कालिदास अकादमी पहुंचेंगे। अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ करेंगे।
कालिदास समारोह में उपराष्ट्रपति के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव भी शिरकत करेंगे। समारोह का शुभारंभ 4 बजे होगा। उपराष्ट्रपति धनखड़ मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग की ओर से दिए जाने वाले राष्ट्रीय कालिदास अलंकरण के साथ ही संस्कृत में श्रेष्ठ कृति लेखन अलंकरण भी प्रदान करेंगे।
इन विभूतियों को मिलेगा सम्मान
कालिदास अलंकरण सम्मान 2022-2023 के लिए शास्त्रीय गायन में पंडित उदय भावलकर पुणे 2022, पंडित अरविंद पारेख मुंबई 2023 और शास्त्रीय नृत्य के लिए मुंबई की डॉ.संध्या पुरेचा 2022, मणिपुर की गुरु कलावती देवी 2023, कला और शिल्प के लिये दिल्ली के पी.आर. दारोच कला और शिल्प 2022, मैसूर के रघुपति भट्ट 2023, नाट्य के लिये राजस्थान की भानु भारती 202) और कोलकाता के रुद्रप्रसाद सेन गुप्ता 2023 को दिया जाएगा।
वहीं साल 2021-2022 के लिए राष्ट्रीय श्रेष्ठ कृति लेखन पुरस्कार इस बार इंदौर के डॉ.मिथिला प्रसाद त्रिपाठी को प्रदान किया जा रहा है। पुरस्कार में एक लाख रूपए नकद और प्रशस्ति पत्र भेंट किया जाएगा। इसी प्रकार ग्वालियर के डॉ.बालकृष्ण शर्मा को प्रादेशिक भोज पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार स्वरूप में 51 हजार रूपए के साथ प्रशस्ति पत्र, शाल,श्रीफल भेंट किया जाएगा। कालिदास समारोह के शुभारंभ अवसर पर संस्कृति विभाग की ओर से घोषित दो वर्षों के चार विद्याओं में आठ कलाकारों को विशेष अलंकरण भी प्रदान किए जाएंगे।
इस तरह होंगे कार्यक्रम
14 नवंबर— शोध संगोष्ठी का द्वितीय सत्र। इसी दिन व्याख्यान माला कुटुम्ब व्यवस्था के साथ हिन्दी नाटक वसन्त सेना प्रस्तुतीकरण देगी।
15 नवंबर— संगोष्ठी का तृतीय सत्र होगा। व्याख्यान माला के साथ कालिदास का पर्यावरण चिंतन और लोक गायन के साथ ही नाटक अभिज्ञान शाकुन्तलम् की प्रस्तुति दी जाएगी।
16 नवंबर— संस्कृत कवि समवाय के साथ अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद और विवाद प्रतियोगिता होगी साथ ही लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी।
17 नवंबर— अन्तर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ किया जाएगा। अन्तर महाविद्यालयीन हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी। शास्त्रीय गायन भी होगा।
18 नवंबर— शाम 4.30 बजे से समारोह का समापन कार्यक्रम किया जाएगा। इसके बाद शाम करीब 7 बजे शास्त्रीय शैली में वादन का भी आयोजन किया जाएगा।