चुनावों के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी ने जिन चेहरों को कमान थी वो नेता से लेकर जनता तक सभी को चौंकाने वाला है।
लेकिन इस बात में हकीकत तो ये है कि ये चेहरे सालों से राजनीति में सक्रिय हैं । अगर बात करें राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तो शर्मा की राजनीति सालों पुरानी है। मुख्यमंत्री भजनलाल सबसे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े उसके बाद वो 1990 मे कश्मीर अभियान में गए और उधरमपुर में गिरफ्तारी भी दी। इसके अलावा भजनलाल 1992 के राम मंदिर आंदोलन में भी सक्रिय रहे। 1992 के समय भजनलाल को भारतीय जनता युवा मोर्चा में बड़ी जिम्मेदारी मिली और इसी के बाद वो 27 साल की उमर में सरपंच बने। भजनलाल भरतपुर से बीजेपी के जिला अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भजनलाल की गोवर्धन परिक्रमा के समय जे पी नड्डा से मुलाकात हुई। इसके बाद उन्होंने पश्चिम बंगाल में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ काम किया। भजनलाल के बिना सुर्खियों के काम करने के अंदाज अमित शाह और जे पी नड्डा दोनों का दिल जीत लिया। यही वजह रही कि भजनलाल भले ही एक बार के विधायक हो लेकिन पार्टी ने उनकी ताजपोशी बतौर मुख्यमंत्री की