अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है। तमाम राजनैतिक दल चुनावी संग्राम में कूदने के लिए अभी से ताल ठोकने लगीं है। राज्य में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार में जीतनराम मांझी की पार्टी हम भी शामिल है। हम के चार विधायक हैं और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन बतौर मंत्री के रूप में शामिल हैं। राजनैतिक मौल भाव में माहिर मानी जाने वाली हम पार्टी ने एक ऐसा दांव फेंका है जिसने महागठबंधन को दिक्कत में डाल दिया है।
लोकसभा के लिए पांच सीटों पर किया दावा
महागठबंधन में अधिकांशत: तकरार सीटों के बंटवारे को लेकर होती है। इस बार समय रहते हम पार्टी ने पांच सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक दी है। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने कहा कि हम के कार्यकर्ता पांच सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जमीनी मेहनत कर रहे हैं। हमारी पार्टी चाहती है कि मगध के दो सीट समेत लोकसभा चुनाव में बिहार की पांच सीटों पर चुनाव लड़ें। हालांकि कहीं कोई बवाल न मचे इसके लिए उन्होंने यह भी कहा कि अंतिम निर्णय महागठबंधन को करना है। लेकिन हम लोगों ने पिछले चुनाव में मगध से दो सीट औरंगाबाद और गया से चुनाव लड़ा था। इसके साथ ही हमारे कार्यकर्ता शिवहर, सीतामढ़ी और खगड़िया में लगातार काम कर रहे हैं वहां जमीनी पकड़ मजबूत बनाई है। संगठन का भी विस्तार किया है। जमुई जिले में भी पार्टी के कार्यकर्ता लोकसभा चुनाव की तैयारी जोरशोर से कर रहे हैं। अब हम यहां चुनाव लड़ते हैं या नहीं यह आने वाले दिनों में निर्णय होगा।
महागठबंधन छोड़ने के सवाल पर क्या बोले सुमन
नीतीश सरकार में मंत्री संतोष सुमन से पूछा गया कि यदि पांच सीटें आपकी पार्टी को नहीं मिलतीं हैं तो क्या महागठबंधन छोड़ देंगे। इस पर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है और घुमाफिराकर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा लोगों के हित के बारे में सोचती है। सीट नहीं मिलने पर गठबंधन तोड़ दें ऐसा नहीं है लेकिन कार्यकर्ताओं का भी ध्यान रखना होता है।
पाला बदल सकते हैं मांझी
जीतनराम मांझी हमेशा गंठबधन में मुखर रहते हैं। कई बार वह अपनी सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठा चुके हैं। मांझी शराबबंदी पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। जीतनराम मांझी ने कहा था कि शराबबंदी के बहाने गरीबों- दलितों पर जुल्म हो रहा है। अमीर लोग शराब पीकर छूट जाते हैं जबकि गरीब लोगों को जेल में बंद कर दिया जाता है। पिछले दिनों जीतनराम मांझी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी। जिसके बाद कहा जा रहा है कि जीतनराम मांझी केंद्र की राजनीति में जाने के लिए पाला बदल सकते हैं।