राजस्थान की राजनीति में फिर निकला लाल डायरी का जिन्न
राजस्थान की सियासत में लाल डायरी की कहानी नई बात नहीं है। कई बार नेता लाल डायरियों की कहानियां सुनाते रहे हैं। अब इस बारे में खुलकर बातें होने लगी हैं। राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए जा चुके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा तो लाल डायरी में विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा होने की बात तक कह चुके हैं। जिससे राजस्थान की राजनीति में इस लाल डायरी ने तूफान खड़ा कर दिया है।
- पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा का सीएम गहलोत पर हमला
- लाल डायरी को लेकर गुढ़ा का सनसनीखेज दावा
- ‘लाल डायरी होती तो गहलोत जेल में होते’
- राजेन्द्र गुढ़ा का बड़ा सवाल
- काले चिट्ठे नहीं होते तो सीएम जलवाते ही क्यों?
- गुढ़ा को कांग्रेस से किया निष्कासित
- कांग्रेस से निकाले जाने पर रो पड़े बर्खास्त मंत्री
- राजस्थान विधानसभा में हुई मारपीट!
- गुढ़ा ने मंत्री धारीवाल का माइक खींचा
- स्पीकर के सामने लहराई लाल डायरी
दरअसल पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत के समय कांग्रेस की सियासत में जब आंतरिक बवाल मचा हुआ था, उसी दौरान सीएम गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के ठीकाने पर आईटी का छापा पड़ा था। धर्मेद्र को डायरी लिखने की आदत थी। दिन भर का घटनाक्रम ही नहीं लेन देन का हिसाब भी धर्मेन्द्र लिखा करते थे, जिससे माना जा रहा है कि डायरियों में कई काले चिटठे दर्ज हैं। गुढ़ा खुलकर तो कुछ नहीं बता रहे हैं, लेकिन कह रहे हैं कि इसमें विधायकों के लेन-देन का हिसाब है। बीजेपी का हेलिकॉप्टर खाली क्यों गया था और बीजेपी के विधायक अपनी पार्टी के बाड़ेबंदी से क्यों भागे थे। उसका भी जिक्र है। इतना ही नहीं राजस्थान क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का हिसाब-किताब भी लिखा है। वो कहते हैं कि चुनाव से पहले सब सामने आ जाएगा।
गुढ़ा का सवाल, डायरियां जलाई क्यों?
दरअसल राजस्थान के पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने कांग्रेस से निकाले जाने के बाद झुंझुनू में एक जनसभा की। जिसमें सीएम अशोक गहलोत पर सीधा हमला बोलते हुए सनसनीखेज दावा किया है, जो अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ा सकता है। गुढ़ा ने दावा करते हुए कहा कि ‘उन्होंने सीएम गहलोत के आदेश पर जहां रेड चल रही थी। वहां से लाल डायरी निकाल ली थी। अगर वे लाल डायरी नहीं निकालते तो सीएम गहलोत जेल में होते। राजेंद्र गुढ़ा के बयान के बाद अब राजस्थान में ‘रेड डायरी’ की चर्चा है। जिसे सभी खोज रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस रेड डायरी में अशोक गहलोत और उनकी सरकार के काले कारनामों की जानकारी हो सकती है। राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर ईडी और इनकम टैक्स ने छापा मारा था। उस वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें बुलाकर कहा था कि कुछ भी हो गुढ़ा, वहां से लाल डायरी निकलाकर लाओ। सीएम के कहने पर वे लाल डायरी वहां से किसी तरह निकलाकर लाए। इसके बाद उस डायरी को जलवा दिया। अगर उसमें काले चिट्ठे नहीं होते तो सीएम जलवाते ही क्यों?’
मंत्री-विधायकों का कराएं नार्को टेस्ट,कई हैं दुष्कर्मी !
गुढ़ा ने यहां तक कहा है कि प्रदेश की हर बहन-बेटी उनकी बहन-बेटियां हैं। वे उन्हें अपनी बहन से भी बढ़कर मानते हैं। वे महाराव शेखाजी का वंशज हैं। जिनकी तीन पीढ़ियों ने महिला सम्मान के लिए सब कुछ कुर्बान कर दिया। गुढ़ा ने कहा कई मंत्री और विधायक बलात्कारी हैं!। इन मंत्री-विधायकों का नार्को टेस्ट करवाना चाहिए!। जिससे सच सामने आ जाएगा।
बीजेपी को मिली कांग्रेस के खिलाफ बड़ा चुनावी हथियार
राजस्थान की सियासत में लाल डायरी विवाद ने नया रंग भर दिया है। इस पर सियासत तेज होती दिख रही है। गहलोत सरकार के खिलाफ बीजेपी को भी बैठे बिठाए एक नया हथियार गुढा ने दे दिया है। लेकिन गुढ़ा के नए खुलासे के बाद बीजेपी की बांछे खिल गई उसने तुरंत कांग्रेस और गहलोत सरकार पर पलटवार किया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया और लिखा कि सीएम साहब के बड़े खास रहे लेकिन सच बोलने की वजह से तुरंत ही बर्खास्त होने वाले राजेंद्र गुढ़ा जी जिस लाल डायरी की बात कर रहे हैं। उसमें न जाने कितने काले चिट्ठे होंगे। नाम तो एक दिन सभी भ्रष्टाचारियों के सामने आएंगे। विधानसभा चुनाव परिणाम आने का इंतजार करें। वहीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने जिस तरह मारपीट की है। वह निंदनीय है। सैनिक कल्याण मंत्री रहे गुढ़ा लाल डायरी लेकर आए थे। वे राज खोलना चाहते थे। सदन में उन्होंने भी लाल डायरी का मुद्दा उठाया था। गुढ़ा को बोलने नहीं दिया गया। मार्शलों के जरिए उनके साथ मारपीट की गई। अपनी ही पार्टी के विधायक पर जिस तरह गुढ़ा पर टूट पड़े, वह शर्मनाक है। जब तक लाल डायरी का राज नहीं खुलेगा। तब तक बीजेपी का संघर्ष जारी रहेगा।