वर्तमान में झारखंड राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार है. हाल ही में एक शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसमें हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश के बारे में शिकायत की गई थी. जिसके लिए रांची पुलिस की एक टीम दिल्ली छानबीन के लिए पहुंची थी. छानबीन में पुलिस को कई बड़े अहम सबूत हाथ लगे हैं. सीसीटीवी फुटेज आदि की जांच करने पर यह भी जानकारी हाथ लगी है कि झारखंड के चार विधायक महाराष्ट्र बीजेपी के नेता से भी मिले थे. हालांकि अभी तक पुलिस ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है लेकिन दावा किया जा रहा है कि जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है.
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की भूमिका पर भी सवाल
बीते दिनों झारखंड कांग्रेस के बहुत से विधायक दिल्ली पहुंचे थे. इन विधायकों ने खुद ही ट्विटर के माध्यम से इस बात की जानकारी दी. विधायकों की ओर से यह बताया गया था कि उन्हांने दिल्ली दौरे के दौरान पार्टी के झारखंड प्रभारी आरपीएन सिंह से मुलाकात की है. कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला समेत अन्य विधायकों ने आरपीएन सिंह से मिलकर प्रदेष कांग्रेस नेतृत्व और सरकार के कामकाज की षिकायत करने के साथ अपनी बातें रखीं हैं.
आरपीएन जानकारी के बाद भी बने रहे अनजान
आरपीएन सिंह से मिलने पहुंचे विधायकों से सिंह गर्मजोशी से मिले, लेकिन सवाल यह पैदा होता है कि सिंह को आखिर इस बात की उन्हें भनक क्यों नही लगी कि विधायक दिल्ली दौरे की आड़ में बीजेपी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं. राजनैतिक विश्लेषक आश्चर्य में है कि गठबंधन सरकार पर उत्पन्न खतरे को देखते हुए भी आखिर झारखंड के प्रदेश प्रभारी अनजान कैसे बने रहे.
8-10 विधायको ने पाला बदला तो आ जाएगा संकट
गौर करें कि 82 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में फिलहाल सत्ताधारी यूपीए फोल्डर में 51 विधायक हैं और इनमें से 8-10 विधायकों के एक साथ पाला बदलने से ही सरकार पर संकट मंडरा सकता है. सोरेन सरकार को गिराने की साजिश में झारखंड पुलिस ने तीन आरोपी पकड़े हैं. इन तीनों की अहम कड़ी पलामू जिले के रहने वाले अभिषेक दुबे हैं. जो उसी क्षेत्र के एक विधायक के काफी निकट हैं. साथ ही इस विधायक के एक रिश्ते बीजेपी के बड़े नेता हैं. माना जा रहा है कि सत्तधारी दल के विधायकों को लगातार प्रलोभन मिल रहे हैं. ताकि विपक्ष जरुरी संख्या का जुगाड़ कर सके.