झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के करीबी ने राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन को विभीषण बताया है। सोरेन को लेकर कई बातें कही गईं। उन्होंने राज्य की मोर्चा सरकार को तोड़ने का प्रयास किया है। सीएम हेमंत सोरेन के करीबी मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन को विभीषण करार दिया है। मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा जब हेमंत सोरेन जेल में थे। उस समय ही चंपई सोरेन बीजेपी के साथ साठगांठ में जुटे थे। उन्होंने कहा अब समय रहते वो सभी चीजें सबके सामने आ चुकी है। जिसे चंपई सोरेन इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि चंपई अपनी करनी पर पछतावा कर रहे हैं।
- चंपई बने झारखंड के इतिहास में विभीषण
- जिस पार्टी ने चंपई को दिया सबकुछ
- चंपई कर रहे हैं उस पार्टी तोड़ने की कोशिश
- बीजेपी नेताओं के साथ करते रहे थे सेटिंग
- जब बुरे दौर में गुजर रहा था गठबंधन
- तब भाजपा नेताओं के संपर्क में थे चंपई सोरेन
- सीएम हेमंत सोरेन के करीब मंत्री ने किया खुलासा
- मंत्री बन्ना गुप्ता ने बताया पूर्व सीएम चंपई सोरेन को विभिषण
- चम्पई बीजेपी नेताओं से बैठा रहे थे अपनी सेटिंग
- चंपई हैं विभीषण…झामुमो सरकार तोड़ने की कोशिश
- जेल में जब थे हेमंत सोरेन….
- …तब बीजेपी के साथ साठगांठ कर रहे थे चंपई
झारखंड की हेमंत सरकार में मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना है कि राज्य के पूर्व सीएम चंपई सोरेन अपने कार्यकाल के दौरान बीजेपी के साथ साठगांठ में जुटे थे। अब तब हेमंत सरकार को वे अस्थिर करने की के षड्यंत्र रचते रहे। हेमंत सोरेन जब जेल से छूटकर बाहर आए तो चंपई सोरेन कैबिनेट की बैठक में फैसले लेने में व्यस्त रहे। इन बैठकों में जो मंत्री मौजूद रहते थे वे भी उनका विरोध किया करते थे।
मंत्री ने कहा चंपई सोरेन अपने कार्यकाल में दूसरे विभागों से जुड़े निर्णय भी स्वयं लेते थे। झारखंड का जब भी इतिहास लिखा जाएगा तब चंपई सोरेन के नाम को एक विभीषण के रूप में लिखा जाएगा। जिस दल और जमीन ने चंपई सोरेन को सबकुछ दिया उसे वे ठुकराकर अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर राज्य सरकार को तोड़ने का काम करते रहे। उन्होंने कहा समय रहते अब सभी चीजें सामने आ चुकी हैं।
मौका परस्त हैं चंपई, गुरुजी ने दी पहचान
बन्ना गुप्ता ने चंपई सोरेन पर हमला करते हुए कहा गुरुजी शिबू सोरेन ने एक सामान्य व्यक्ति को जमशेदपुर से निकाल कर नई पहचान दी। राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन इसके बदले में चंपई सोरेन ने राज्य को मौकापरस्ती के दलदल में झोंकने की कोशिश की। मोर्चा प्रमुख हेमंत सोरेन जब जेल जाने लगे तो उन्होंने पार्टी के सभी विधायकों से चंपई सोरेन को सीएम बनाने की बात कही थी, तब सभी ने हेमंत की बात को माना।
मंत्री बन्ना गुप्ता ने इसके साथ ही यह भी कहा कि जब उन्होंने स्वयं के सीएम बनने की बात थी तो उनका निर्णय बुरा और प्रोटोकाल के खिलाफ नहीं लगा था। इसके साथ ही न ही तानाशाही उन्हें याद रही और चंपई सोरेन का हर विभाग में हस्तक्षेप बढ़ता गया। सीएम चंपई सोरेन का हर मंत्रालय में दखल बढ़ रहा था। वे स्वयं फैसले भी करने लगे थे।