लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे बिहार के सीएम नीतिश कुमार के आसपास पहने वाले नेता ही अब उनका साथ छोड़ रहे हैं। जबकि चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है। माना जा रहा है कि बिहार में राजनीतिक उठापटक के चलते सुशासन बाबू यानी नीतीश कुमार के लिए 2024 के चुनाव में परेशानी हो सकती है। देश में विपक्षी दलों को एकजुट करने का संकल्प लेने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपनी पार्टी को बिखरने से रोक नहीं पा रहे हैं। हालात ये हैं कि हर 10वें दिन एक नेता नीतीश कुमार का साथ छोड़ रहा है।
अब राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि विपक्ष की एकजुटता का संकल्प लेने वाले नीतीश कुमार की अपनी पार्टी नहीं संभल रही है। ऐसे में वे साल 2024 के लोकसभा चुनाव में किस तरह बीजेपी का सामना करते हुए उसके खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी कर सकेंगे बता दें नीतीश बिहार में जिस महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे हैं उस गठबंधन में शामिल पार्टियां भी मुद्दों को लेकर तकरार है। आरजेडी जेडीयू पर तेजस्वी यादव को सीएम बनाने का दबाव लगातार बना रही है। तो कांग्रेस भी कैबिनेट में दो और मंत्रियों को शामिल करने की मांग कर रही है।
इधर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के जीतनराम मांझी भी बेटे संतोष सुमन के सीएम बनाने की मांग कर रहे हैं। बता दें पहले उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू से किनारा कर अब अलग पार्टी बना ली। इसके बाद पूर्व सांसद मीना सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया। तो शंभूनाथ सिन्हा ने भी जेडीयू से किनारा कर लिया है। जिसके चलते सवाल उठ रहा है कि नीतीश कुमार की अपनी खुद की पार्टी में बिखराव हो रहा है तो वे 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के खिलाफ मजबूत मोर्चेबंदी कैसे करेंगे।
पार्टी छोड़ने से पहले कुशवाहा ने दागे सवाल
20 फरवरी को जेडीयू में संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी छोड़ दी थी। इससे पहले करीब दो महीने तक कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू नेतृत्व पर कई सवाल दागे थे। जेडीयू छोड़ने के बाद कुशवाहा राष्ट्रीय लोक जनता दल रालोजद के नाम से नई पार्टी बनाकर मैदान में गए हैं। ठीक 10 दिन बाद ही 3 मार्च को आरा से सांसद रहीं मीना सिंह ने भी नीतीश कुमार का साथ छोड़ दिया। जेडीयू छोड़ने के एक दिन बाद ही उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल से भेंट की इसके बाद वे भी बीजेपी में चली गईं।
10 दिन बाद शंभुनाथ ने भी कर लिया किनारा
इसके बाद 13 मार्च को जेडीयू के वरिष्ठ नेता शंभूनाथ ने जेडीयू छोड़ दी। शंभूनाथ जेडीयू के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता के पद पर रह चुके थे। शंभूनाथ ने कहा अेडीयू अपने सिद्धांतों से भटक गई है। साथ ही उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा की रालोजद ज्वॉइन करने के संकेत दिए हैं। जेडीयू में बिखराव के बीच सवाल उठ रहे हैं। जेडीयू, नीतीश के महागठबंधन में जाने पर भी खड़े हो रहे हैं। ये उथलपुथल 2023 के बाद से ही मची हुई है। जेडीयू में उथल-पुथल अब तक जारी है। पार्टी नेता एक-एक कर नीतीश कुमार से किनारा कर रहे हैं।