16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर दौरे पर होंगे और खासतौर पर जय विलास पैलेस यानी सिंधिया महल जाऐंगे। ग्वालियर के जय विसाल पैलेस में अमित शाह की मेजबानी केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया करेंगे। अमित शाह वहां तकरीबन डेढ घंटे रहेंगे। अमित शाह जय विलास पैलेस में पहली बार जा रहे हैं, इसके चलते सिंधिया महल में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जिस जय विलास पैलेस को आज सिंधिया महल के रूप में जाना जाता है उस ऐतिहासिक इमारत को अंग्रेजों ने बनाकर तैयार किया था। आइए जानते हैं जय विलास पैलेस से जुड़ी कुछ तथ्य…
जय विलास पैलेस से जुड़े तथ्य
जय विलास पैलेस 1876 में बनकर तैयार हुआ था।
जय विलास पैलेस को प्रिंस जॉर्ज व वेल्स की राजकुमारी मैरी के स्वागत के लिए बनाया गया था।
जय विलास पैलेस में कुल 400 कमरे हैं।
1876 में महल बनकर तैयार हुआ और इसकी शुरुआत 1874 में हुई थी।
इस महल को ब्रिटिश लेफ्टिनेंट सर माइकल ने तैयार किया था।
महल की खासियत केवल उसकी बाहरी बनावट व आर्किटेक्चर नहीं बल्कि हर कमरे में नजर आती है
इसकी हर मंजिल को अलग-अलग थीम पर तैयार किया गया।
पहली मंजिल टस्कर, दूसरी इटालियन और तीसरी मंजिल को कोरियन थीम पर बनाया है।
पैलेस के हॉल के इंटिरियर में 500 किलोग्राम से ज्यादा सोने का इस्तेमाल किया गया है।
इस दरबार में सभाएं हुआ करती थीं।
ऐसा है महल का म्यूजियम
महल के संग्रहालय में राजसी और दुर्लभ चीजों का संग्रह है।
महल के म्यूजियम में उस दौर की तस्वीरों के साथ-साथ शाही शानौ-शौकत का सामान सजा है।
ये म्यूजियम जियाजी और जीवाजी राजे सिंधिया की याद में राजमाता सिंधिया ने बनवाया था।
महल के अदंर बने चार सौ कमरों में से 35 में इस संग्रहालय को तैयार किया गया है।
इस संग्रहलाय में राजसी दौर की पालकियां, पुरानी कारें और मराठा राजाओं की तस्वीरों का दुर्लभ संग्रह है।
सिंधिया महल के हॉल में चांदी की ट्रेन भी चलती है।
चांदी की इस ट्रेन के जरिए सिंधिया अपने मेहमानों को ब्रांडी और सिगार आदि सर्व किया करते थे।
ये ट्रेन टेबल के कोनों पर ट्रैक के सहारे चलती है।
जय विलास पैलेस को राजसी शान शौकत के साथ-साथ आधुनिक सुख सुविधाओं का अद्भुद मेल कहा जा सकता है।
यही शाही पैलेस अब गृह मंत्री अमित शाह की मेजबानी करेगा।