देशभर के श्रध्दालुओं के लिए एक खुशखबरी है. अब आप जम्मू की सुंदर वादियों के बीच माता वैष्णो देवी के साथ तिरूपति बालाजी के भी दर्शन कर पाएंगे. बता दें कि मंदिरों का शहर कहे जाने वाले जम्मू में घाटी का पहला तिरूपति बालाजी मंदिर बन गया है. गुरूवार को मंदिर के कपाटों को भक्तों के लिए खोल दिया गया. मंदिर का उद्घाटन जम्मू के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया गया. कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी, केंद्रीय राज्य मंत्री जिंतेंद्र सिंह, सांसद जुगल किशोर शर्मा व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे. देश के गृहमंत्री अमित शाह भी कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़े थे.
32 करोड़ की लागत से बना है मंदिर
तिरूपति बालाजी का यह मंंदिर जम्मू के मजीन गांव में 62 एकड़ भूमि पर बनाया गया है, मंदिर की लागत लगभग 32 करोड़ रूपए है. कपाट खोले जाने से पहले बुधवार को मंदिर में आठ और छह फुट की भगवान वेंकटेश्वर की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी.प्राण प्रतिष्ठा करवाने के लिए आंध्रपदेश से 45 पंडित पहुंचे थे जिन्होंने पूजा-अर्चना, वैदिक मंत्रों के साथ मूर्तियां को स्थापित किया. प्राण प्रतिष्ठा के दौरान काफी संख्या में भक्तजन मंदिर पहुंचे थे.
अमित शाह करने वाले थे उद्घाटन
बालाजी मंदिर का उद्घाटन करने पहले अमित शाह जम्मू आने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वे मंदिर के उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं बन पाएं . शाह ने वर्चुअली कार्यक्रम को संबोधित किया और लोगों को मंदिर के कपाट खुलने पर शुभकामना दी. शाह ने कहा कि वे जब भी जम्मू आएंगे, तो बालाजी मंदिर के दर्शन करने जरूर जाएंगे.
धार्मिक पर्यटन में होगी बढ़त
इस मंदिर को तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है. मंदिर से जम्मू के धार्मिक पर्यटन में और वृध्दि होने वाली है. पहले लोग जम्मू मां वैष्णों देवी के दर्शन करने आते थे, लेकिन अब भक्त जम्मू में बालाजी मंदिर के भी दर्शन कर सकेंगे. जम्मू के पर्यटन से स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ने वाले हैं.
2021 में हुआ था शिलान्यास
तिरूपति बालाजी मंदिर का निर्माण तिरूमाला तिरूपति देवस्थान बोर्ड ने करवाया है. मंदिर का शिलन्यास जून 2021 में हुआ था. आपको बता दें कि तिरूपति मंदिर को अलग अलग चरणों में तैयार किया गया है. मंदिर के पहले चरण में भगवान बालाजी का मंदिर, पुजारियों व स्टाफ के आवास और पार्किंग बनाई गई है. वहीं दूसरे चरण में पाठशालाएं और ध्यान करने के केंद्र बनाए जा रहे है. दक्षिण वास्तुकला के इस मंदिर का निर्माण करने के लिए बोर्ड ने खास आंध्रप्रदेश से 50 कारीगर बुलाएं थे.