जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले में स्थित डेसा में आतंकवादियों की गोलीबारी में सेना के कैप्टन सहित चार जवान शहीद हो गए। वहीं एक पुलिस कर्मी की भी मौत इस गोलीबारी में हुई है। इस तरह पांच लोगों की जान आतंकियों की गोलीबारी में चली गई है।
- जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले में आतंकी हमला
- गोलीबारी में सेना के कैप्टन सहित चार जवान शहीद
- गोली बारी में एक पुलिस कर्मी की भी हुई मौत
- गोलीबारी करते हुए भाग निकले आतंकी
- घने जंगल का लाभ उठाकर हुए ओझल
बताया जाता है कि राष्ट्रीय राइफल्स के साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस की ओर से यहां सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। सेना के इस सर्चिंग आपरेशन के दौरान ही आतंकवादियों ने सुरक्षा बल पर फायरिंग की और फरार हो गये। वहीं घना जंगल होने के चलते आतंकी मौके से बच निकले। बत दें सोमवार की रात करीब 9 बजे के आसपास एक बार फिर गोलीबारी की गई। इस गोलीबारी में भारतीय सेना के पांच जवान गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिनकी इलाज के दौरान सांस थम गई।
आतंकियों की गोलीबारी में शहीद राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा के साथ नायक डी राजेश और सिपाही बृजेंद्र और अजय शामिल हैं। शहीद सिपाही अजय सिंह राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित बुहाना तहसील के भैसावता कलां गांव के निवासी थे। इस बीच सेना के अधिकारी इलाके में हेलिकॉप्टर और ड्रोन की मदद से आतंकियों की तलाश में जुटे हैं।
कश्मीर टाइगर्स ने हमले की जिम्मेदारी
इस कायराना हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से संबंधित कश्मीर टाइगर्स की ओर से ली गई है। कश्मीर टाइगर्स ने दावा किया है कि उनकी ओर से किये गये हमले में भारतीय सेना के कैप्टन समेत करीब 12 जवान मारे गए हैं और 6 जवान घायल हुए हैं। हालांकि भारतीय सुरक्षा बल की ओर से इस दावों को झूठा बताया गया है।
चुनाव से पहले आतंकी फैला चाहते हैं दहशत
बता दें जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होना हैं। लोकसभा चुनाव के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की हलचल तेज बढ़ गई है। ऐसे में आतंकी भी लगातार राज्य में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर चुनाव से पहले दहशत फैलाना चाहते हैं।