2014 के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जाने-माने चेहरे राम माधव की एक बार फिर बीजेपी ने अहम जिम्मेदारी सौंपी है। पार्टी ने राम माध्व को जम्मू कश्मीर में पार्टी की सियासी रणनीति और चुनावी कहानी का मसौदा तैयार करने का जिम्मा सौपा था। इस बार बीजेपी ने राम माधव को जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रभारी का पद संभालते ही राम माधव की एक बार फिर सक्रिय राजनीति में वापसी हुई है।
- ‘मिशन कश्मीर’ पर राम माधव…जाने BJP ने क्यों लगाया यह दांव
- जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा के चुनाव
- 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरण में मतदान
- 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग
- 25 सितंबर और एक अक्टूबर को भी डाले जाएंगे वोट
- चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे चुनावी नतीजे
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के शंखनाद के साथ ही राम माधव वापसी हो गई है। उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है। चुनाव प्रभारी बनाया गया है। नई जिम्मेदारी मिलने के ठीक 24 घंटे के भीतर राम माधव ने पार्टी के चुनावी अभियान को दिशा देने के लिए पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ बैठकें कीं। माना जा रहा है कि चुनाव प्रभारी के रूप में राम माधव की वापसी से बीजेपी की स्थानीय इकाई उत्साहित नजर आ रही है।
बता दें साल 2014 में उनके साथ मिलकर यहां के लोगों ने चुनाव में काम किया था। राम माधव के साथ ही केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को भी इसकी अहम जिम्मेदारी दी गई है। 2014 के चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव रहे और आरएसएस के एक जाने-माने चेहरे राम माधव इस बार जम्मू कश्मीर में बीजेपी की राजनीतिक रणनीति और चुनावी कहानी का मसौदा तैयार करेंगे। दो अलग-अलग विचारधारा वाली पार्टियों बीजेपी और क्षेत्रीय क्षत्रप पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी के साथ आने का श्रेय राम माधव को दिया जाता है।
राम माधव को इस वजह से दी गई ये जिम्मेदारी
पार्टी सूत्रों की माने तो राम माधव की सक्रिय राजनीति में वापसी पर पिछले कुछ दिनों में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मंथन किया था। मंथन के दौरान नेताओं को लगा कि पार्टी को इस क्षेत्र के प्रभारी के तौर पर राम माधव के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए। बता दें संघ से बीजेपी में आए राम माधव की जम्मू-कश्मीर में भी अहम भूमिका रही है। 2014 से 2019 के दौरान बीजेपी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी की गठबंधन सरकार बनाने में राम माधव की अहम भूमिका मानी जाती है।
बीजेपी और पीडीपी के गठबंधन वाली सरकार में मुफ्ती मोहम्मद सईद को मुख्यमंत्री बनाया गया था। बीजेपी को डिप्टी सीएम का पद मिला था। 2019 में हुए लोक चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद जेपी नड्डा को जब पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था, तब नड्डा ने राम माधव को राष्ट्रीय पदाधिकारियों की टीम में शामिल नहीं किया था।
काम आएगी राम माधव की गठबंधन सरकार वाली केमेस्ट्री
पार्टी नेताओं का कहना है कि राम माधव की वापसी यह संकेत देती है कि बीजेपी को गठबंधन बनाने और इस कहानी को धारदार बनाने की राम माधव की क्षमता पर भरोसा है। इसके साथ ही उनकी अभिव्यक्ति की शैली के साथ मीडिया एक्सपोजर का भी लाभ उठाकर बीजेपी चुनाव में स्थिति बेहतर बनाना चाहती है।
3 चरण में 90 सीटों पर चुनाव
अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। तय चुनाव कार्यक्रम के अनुसार जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए तीन चरण में मतदान होगा। 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को होगा। इसके बाद दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के नतीजे चार अक्टूबर को घोषित होंगे। पहले चरण में राज्य की 24 सीटों पर मतदान होगा। इसके बाद दूसरे और तीसरे चरण में क्रमशः 26 और 40 सीटों पर मतदान कराया जाएगा। बता दें जम्मू-कश्मीर में पिछली बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। 2014 में नवंबर-दिसंबर में 5 चरणों में मतदान संपन्न कराया गया था।