जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 सितंबर को मतदान होगा। इससे पहले कांग्रेस ने सोमवार की शाम अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने की बात तो घोषणा पत्र में की लेकिन पूरे घोषणा पत्र में कहीं आर्टिकल 370 का जिक्र नहीं किया गया है।
- उमर अब्दुल्ला का दावा अनुच्छेद 370 की होगी बहाली
- कांग्रेस नहीं कर रही अनुच्छेद 370 की वापसी का जिक्र
- क्या है कांग्रेस और राहुल गांधी की रणनीति?
- 18 सितंबर को पहले फेज का मतदान
- विधानसभा की 24 सीटों पर वोटिंग,सुरक्षा के इंतजाम
- पहला चरण, मैदान में 219 उम्मीदवार
- जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कई वादे और बातें
- कांग्रेस ने आर्टिकल 370 का जिक्र क्यों नहीं किया
अल्पसंख्यकों के लिए की ये घोषणा
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र मेंं कश्मीरी पंडितों के लिए पूर्व पीएम डॉ.मनमोहन सिंह कीसरकार के समय शुरू किए गए पुर्नवास प्रोग्राम को फिर से लागू किया जाने की बात कही। सुरक्षित और सम्मानजनक वापसी के साथ पुर्नवास के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए काम करने का वादा भी कांग्रेस ने किया है। वहीं प्रवासी युवाओं के लिए राज्य में ही रोजगार के इंतजाम किये जाने की बात कही।
पवित्र तीर्थस्थलों के साथ विरासत की सुरक्षा ही नहीं उनका संरक्षण तय किया जाएगा। कांग्रेस ने पहले 100 दिनों में अल्पसंख्यक आयोग के गठन का वादा किया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं में पंजाबी को शामिल किये जाने की मांग पर विचार किये जाने की बात घोष्णा पत्र में कही गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस एनसी और उसके नेतार उमर अब्दुल्ला लगातार कई बार अनुच्छेद 370 को लागू करने का वादा करते आ रहे रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की इस मुद्दे से दूरी उसकी सियासी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
दरअसल जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान होना है। चुनावी जंग में शामिल सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां का मुख्य मुद्दा और एजेंड़ा अनुच्छेद 370 है। जिसे हटाए जाने के बाद पहली बार विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन में चुनाव लड़ रहीं है। विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस एनसी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी, भाजपा, कांग्रेस, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अपनी पार्टी, अवामी इत्तेहाद पार्टी एआईपी के अलावा डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी डीपीएपी के उम्मीदवार चुनावी जंग में उतरे हैं।इन पार्टियों के अलावा कई छोटे छोटे दल और निर्दलीय भी चुनाव लड़ते नजर आ रहे हैं।
जम्मू कश्मीर को फिर से आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते राहुल —शाह
वहीं केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोला। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने किश्तवाड़ में एक रैली की और इस रैली में शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने 370 को लेकर भी अपनी सरकार का स्टैंड क्लियर किया। शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पर परिवार की सरकार बनाने के प्रयास करने का आरोप लगाया और कहा एनसी और कांग्रेस जम्मू कश्मीर में सत्ता में नहीं आ सकते। साथ ही शाह ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कांग्रेस और उसके नेता राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर को फिर से आतंकवाद की ओर धकेलना चाहते हैं।
कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र की खास बातें
- जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस की गारंटी
- स्टेटहुड का हक
- जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दिलाएंगे
- महिला सम्मान, हमारा हक
- घर की मुखिया को हर महीने ₹3000
- स्वयं सहायता समूहों को मिलेगा बिना ब्याज के 5 लाख रुपये का कर्ज
- कश्मीरी पंडितों को दिलायेंगे उनका हक
- अच्छी सेहत, हमारा हक
- जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 25 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा
- 30 मिनट में सस्ती हेल्थ सर्विस
- तहसील स्तर पर होंगे एम्बुलेंस से लैस मोबाइल क्लीनिक
- हर जिले में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
- कश्मीरी पंडितों के पुर्नवास के लिए डॉ.मनमोहन सिंह की योजना लागू होगी
- OBC को दिलायेंगे उसका हक
- संविधान के तहत ओबीसी को पूरा हक
- हमारी नौकरी, हमारा हक
- 1 लाख खाली नौकरियां भरेंगे
- हमारा अनाज, हमारा हक
- परिवार के हर सदस्य को हर माह 11 किलो राशन