जम्मू-कश्मीर से उसे विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के प्रावधान के हटने के पांच साल पूरे हो गये हैं। पांच अगस्त 2019 के दिन जम्मू कश्मीर को अनुच्छेद 370 से मुक्ति मिली थी। बता दें केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रभाव को समाप्त करते हुए राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो हिस्सों में बांटने के साथ ही दोनों राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया था। आइये जानते अनुच्छेद 370 हटने के बाद पिछले पांच साल में जम्मू-कश्मीर के हालात कितने बदले।
- अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदल गई है कश्मीर की स्थिति
- पांच साल मे बदली जम्मू कश्मीर की तस्वीर
- साल के अंत में होंगे विधानसभा के चुनाव
- तैयारी में जुटा चुनाव आयोग और सियासी दल
- कश्मीर में अमन शांति नजर आ रही
- इतिहास के पन्नों में दफन हुई सेना पर पत्थरबाजी जैसी घटनाएं
- अनुच्छेद 370 हटने से बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान
इस पांच साल के लंब समय के बाद जम्मू कश्मीर की तस्वीर बदल गयी है। साल के अंत में वहां विधानसभा के चुनाव भी होना है। चुनाव आयोग के साथ सियासी दल जोरशोर के साथ इसकी तैयारी में जुटे हैं। जल्द ही चुनाव प्रचार का शोरगुल भी केसर की क्यारी में सुनाई देने लगेगा। अनुच्छेद 370 हटने के बाद अब दावा किया जा रहा है कि कश्मीर की स्थिति पहले से काफी बदल चुकी है। हाल के दिनों में हुई कुछ घटनाओं को छोड़ दें तो कश्मीर में अमन शांति नजर आ रही है। सबसे खास बात यह है कि यहां सेना पर पत्थरबाजी जैसी घटनाएं अब इतिहास के पन्नों में दफन हो गई हैं। अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोगों के लिए जमीन खरीदना आसान हो गया है।
जबकि 5 अगस्त 2019 से पहले जम्मू कश्मीर में देश के दूसरे राज्यों के लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे। केवल इसी राज्य के लोग ही जमीन और अचल संपत्ति को खरीद सकते थे। इसके अतिरिक्त अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में पर्यटन भी बढ़ गया है। निवेश में भी वृद्धि दर्ज की गई है। विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब निवेशक भी आने लगे हैं। करीब दस गुना ज्यादा निवेश बढ़ गया है। जिससे राज्य के बुनियादी ढांचे में भी सुधार नजर आ रहा है।
युवाओं के हाथ में अब नजर नहीं आते पत्थर
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ साथ देश के कई विशेषज्ञ और कानून के जानकार इसे एक बड़ी उपलब्धि के रुप में देखते हैं। अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर सरकार का कहना था कश्मीर के युवाओं के हाथ में पत्थर नहीं लेपटाप और टैबलेट होगा। युवाओं का भविष्य ब्लैक नहीं बल्कि स्कूल का ब्लैक बोर्ड ही उनका भविष्य है। पहले यहां के युवाओं के हाथ में पत्थर नजर आते थे सरकार ने उनके हाथों में अब लैपटॉप देने का काम किया है।
दिखाई देने लगा राज्य में बुनियादी विकास
अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद पहले की तुलना में वहां शांति की बहाली ही नहीं राज्य के बुनियादी विकास में भी अंतर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है। पहले की अपेक्षा आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है। साथ ही राज्य के बुनियाद विकास को लेकर ढांचा तैयार किया गया। यह जम्मू कश्मीर जैसे संवेदनशील प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धियों में से एक है। अलगाववादी ताकतों को अब जम्मू कश्मीर में सिर उठाने से पहले ही पूरी तरह से कुचल दिया गया। यह अलगाववादी कश्मीर को भारत से अलग करने की कोशिशों में जुटे थे।
आधिकारिक आंकड़ों पर भरोसा करें तो अनुच्छेद 370 हटने के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और पथराव की जैसी घटनाएं लगभग खत्म हो गईं हैं। जहां कानून व्यवस्था की स्थिति में भी खासा सुधार हुआ है। वही निर्दोष लोगों की हत्याओं पर भी अब रोक लग गई है। यहां नागरिक मृत्यु के मामलों में 81 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। सुरक्षा कर्मियों और जवानों की शहादत में भी करीब 48 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
आतंकी वारदतों में आई कमी
अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदतों में भी कमी आई है। आंकड़ों के अनुसार 21 जुलाई 2024 तक कुल 14 सुरक्षाकर्मी और 14 आम नागरिक आतंकियों का शिकार हुए हैं। 2023 में 46 आतंकवादी घटनाओं और 48 मुठभेड़ या आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान 44 लोग मारे गये थे। जिनमें 30 सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। आतंकवादी घटनाओं में सत्तर फीसदी की कमी दर्ज की गई है। जिसका श्रेय केन्द्र सरकार को दिया जाता है। केन्द्र सरकार ने घाटी में आतंकवाद ही नहीं पथराव और पाकिस्तान की ओर से प्रायोजित हमलों को भी खत्म कर राज्य में शांति बहाल का रास्ता तैयार किया है।
पांचवीं वर्षगांठ पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के 5 साल पूरे होने पर आज सोमवार 5 अगस्त को जम्मू स्थित अखनूर इलाके में सुरक्षा की व्यवस्था बढ़ा दी है। स्थानीय पुलिस की ओर से अखनूर एलओसी इलाके में कई स्थानों पर चेकपोस्ट बनाई है। सुरक्षा बल के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ साथ दूसरे सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हैं। सुरक्षा बलों की ओर से वाहनों और दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।