दौरा-ए-पाकिस्तान…कौन परेशान?..जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान…जानें क्या है उम्मीद में इमरान की पार्टी!

दौरा-ए-पाकिस्तान…कौन परेशान?..जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान…जानें क्या है उम्मीद में इमरान की पार्टी!

विदेश मंत्री एस.जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन SCO की बैठक में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाने वाले हैं। इस आशय की जानकारी पिछले दिनों विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साझा की है। जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर इस्लामाबाद में 15 और 16 अक्टूबर को होने वाली SCO की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। आज इसी मुद्दे पर करेंगे चर्चा और जानने की कोशिश करेंगे। भारत-पाकिस्तान के बीच खराब रिश्तों के बाद SCO समिट में जाना क्यों जरुरी है। लेकिन इससे पहले भारतीय विदेश मंत्री की पाकिस्तान यात्रा को लेकर अब वहां राजनीति शुरू हो गई है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी भारतीय विदेशमंत्री जयशंकर को अपनी रैली में आकर लोगों को संबोधित करने की गुजारिश कर रही है। हालांकि इमरान की पार्टी ओर से पाकिस्तान की शहबाज सरकार को चिढ़ाने के लिए किये जाने वाले एक राजनीतिक स्टंट से अधिक कुछ नहीं है। वहीं इमरान ने स्वयं को इससे अलग कर लिया है।

आखिर क्यों जयशंकर को अपनी रैली में बुला रही इमरान की पार्टी
पाक में शंकर-शंकर…राजनीति भयंकर ?
9 साल बाद दौरा…पाकिस्तान में खलबली!
जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान…उम्मीद में इमरान का दल!
जब तक आतंकवाद…नहीं होगा संवाद!
जयशंकर की दो टूक…साजिश नहीं कबूल!

बता दें दिसंबर, 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ”हार्ट ऑफ एशिया कॉन्फ्रेंस” में हिस्सा लेने इस्लामाबाद पहुंची थीं। अब एक बार फिर भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर रहेंगे। इसके क्या मायने निकाले जा रहे हैं? क्या इसे भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार की तरफ एक कदम माना जाये या यह दौरा सिर्फ SCO समिट तक ही सिमटने वाला है।

भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान दौरे पर जा रहे हैं। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने दी। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा हो रहा है। ऐसे में अनायास ही सवाल उठता है कि क्या भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार आएगा?। क्या पाकिस्तान पर सख्त हुआ भारत अब नरम होगा। इसका जवाब अगले ही दिन विदेश मंत्री एस.जयशंकर की बातों में छुपा मिला है। उन्होंने कहा था वो ”भारत-पाकिस्तान के संबंधों पर चर्चा के लिए पाकिस्तान नहीं जा रहे हैं। वो शंघाई सहयोग संगठन में हिस्सा लेने जा रहे हैं। वे एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हैं। इसलिए मैं वहां उसी के अनुसार व्यवहार करेंगे।

कौन परेशान?..जयशंकर जाएंगे पाकिस्तान…जानें क्या है उम्मीद में इमरान की पार्टी!

शंघाई सहयोग संगठन SCO
अंतर-सरकारी राजनीतिक,आर्थिक, और सुरक्षा संगठन
SCO की स्थापना 15 जून,2001 को हुई
चीन, रूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, और उज़्बेकिस्तान ने की थी।
शिखर सम्मेलन 2001 में शंघाई, चीन में आयोजित किया गया था।
भारत और पाकिस्तान, एससीओ में सबसे नए शामिल हुए हैं।
साल 2023 में, भारत ने पहली बार एससीओ की अध्यक्षता की।
SCO, भौगोलिक क्षेत्र और आबादी के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय संगठन

SCO के कुछ मुख्य उद्देश्य?
सदस्य देशों के बीच संबंधों को मज़बूत करना
राजनीतिक मामलों,अर्थशास्त्र, व्यापार मामलों में सहयोग बढ़ाना
वैज्ञानिक-तकनीकी, सांस्कृतिक, और शैक्षिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना
क्षेत्रीय शांति के साथ सुरक्षा और स्थिरता की रक्षा करना उद्देश्य
लोकतांत्रिक, न्यायसंगत अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था बनाना

SCO के देशों की बात करें तो

भारत — एरिया- 32.87 लाख वर्ग किमी
आबादी-138 करोड़
जीडीपी- 3.17 ट्रिलियन डॉलर

चीन — एरिया– 96 लाख वर्ग किमी
आबादी -140 करोड़
जीडीपी – 17.73 ट्रिलियन डॉलर

रुस — एरिया– 1.17 करोड़ वर्ग किमी
आबादी -14.41 करोड़
GDP- 1.71 ट्रिलियन डॉलर

पाकिस्तान — एरिया– 7.96 लाख वर्ग किमी
आबादी- 21 करोड़
GDP- 347 बिलियन डॉलर

कजाकिस्तान — एरिया– 27.25 लाख वर्ग किमी
आबादी- 1.88 करोड़
GDP- 190.81 बिलियन डॉलर

तजाकिस्तान —एरिया– 1.41 लाख वर्ग किमी
आबादी- 95.4 करोड़
GDP- 8.75 बिलियन डॉलर

उज्बेकिस्तान — एरिया– 4.47 लाख वर्ग किमी
आबादी- 3.42 करोड़
GDP- 69.24 बिलियन डॉलर

किर्गिस्तान — एरिया– 1.99 लाख वर्ग किमी
आबादी- 66 लाख
GDP- 8.54 बिलियन डॉलर

आबादी- पूरी दुनिया की लगभग 40 फ़ीसदी
GDP- पूरी दुनिया की लगभग 20 फ़ीसदी
तेल- पूरी दुनिया के तेल रिज़र्व का 20 फ़ीसदी

क्या है SCO ?
SCO एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा संगठन है। जिसकी औपचारिक स्थापना 2001 में एक शिखर सम्मेलन के दौरान रूस, चीन, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी इसके स्थायी सदस्यों में शामिल किये गये। 2023 में ईरान भी इसका सदस्य बना। SCO देशों में दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी रहती है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में इन देशों का योगदान 20 प्रतिशत के आसपास है।

 

 

 

 

 

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