महल के प्रभाव वाली ग्वालियर चंबल की सबसे VIP सीट है ग्वालियर विधानसभा सीट

Jaibhan Singh Pawaiya Gwalior seat Jyotiraditya Scindia Pradyuman Singh Tomar

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां एक एक सीट पर गुणाभाग कर रही है। सियासी कमजोरी और ताकत का आंकलन किया जा रहा है। सत्ता का रास्ता बगैर ग्वालियर चंबल अंचल को फहत किये पूरा नहीं हो सकता है। ग्वालियर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश की वीआईपी सीटों में गिनी जाती है। इस सीट से जीतने वाले बीजेपी कांग्रेस के नेताओं का सियासी करियर खूब आगे बढ़ा है। मध्य प्रदेश में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस बार भी ग्वालियर-चंबल अंचल सूबे की सियासत का केंद्र बना हुआ है। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार गिरने से लेकर बीजेपी की शिवराज सरकार बनने में ग्वालियर-चंबल का सबसे अहम रोल रहा था। ऐसे में इस बार भी यहां सबका फोकस बना हुआ है। इसी अंचल की ग्वालियर विधानसभा सीट सूबे की वीआईपी सीटों में गिनी जाती है क्योंकि यहां से विधायक बनने वाले नेता राजनीति में बड़े पदों तक पहुंचे हैं। यही वजह है कि ग्वालियर सीट का सियासी इतिहास और राजनीतिक समीकरण भी दिलचस्प माना जाता है।

ग्वालियर का सियासी ताना बाना

ग्वालियर विधानसभा का जातिगत समीकरण

ग्वालियर विधानसभा सीट का राजनीतिक इतिहास

ग्वालियर विधानसभा सीट मध्य प्रदेश के गठन से ही अस्तित्व में रही है। खास बात यह है कि इस सीट से चुनाव जीतने वाले ज्यादातर नेता राजनीति में अच्छी पॉजिशन पर पहुंचे हैं। चाहे वो नरेंद्र सिंह तोमर हों या जयभान सिंह पवैया और प्रद्युम्न सिंह तोमर जैसे नेता केंद्र और राज्य सरकारों में मंत्री बने हैं। इस सीट पर महल का प्रभाव भी रहता है। ऐसे में सिंधिया परिवार की पसंद का प्रत्याशी भी राजनीतिक दलों से चुना जाता रहा है। साल 2020 में हुए उपचुनाव को मिलाकर पिछले 10 चुनाव की बात की करें तो इस सीट पर 6 बार बीजेपी और 4 बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है।

साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़े प्रद्युमन सिंह तोमर ने बीजेपी के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया को 21 हजार 044 वोट से हराया था. लेकिन बाद में तोमर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में चले गए। इसके बाद 2020 में इस सीट पर उपचुनाव हुए थे। जिसमें प्रद्युमन सिंह तोमर ने कांग्रेस के सुनील शर्मा को 33 हजार 123 वोटों से हराया था। सियासी जानकारी मानते हैं कि इस बार भी इस सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है।

प्रकाश कुमार पांडेय

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