चंद्रयान 3 लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर खोजा प्लाज्मा,इसरो ने जारी किया वीडियो

Chandrayaan 3 lander Vikram

चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग के बाद हर दिन नई तस्वीर और वीडियो सामने आ रही है। लैंडर विक्रम ने अब चांद के साउथ पोल पर प्लाज्मा को खोज निकाला है। हालांकि ये कम घना बताया जा रहा है। इधर इसरो ने रोवर प्रज्ञान का एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है। जिसमें वह सुरक्षित रूप से चांद की सतह पर अठखेलियां करता दिखाई दे रहा है। इसके साथ ही इसरो ने लिखा कि लैंडर विक्रम प्रज्ञान रोवर को ऐसे देख रहा है जैसे मां अपने बच्चे को खेलते हुए प्यार से देखती है।

बता देंं चंद्रयान 3 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा की सतह पर कंपन रिकॉर्ड किया है। अपने शोध के दौरान विक्रम ने चंद्रमा की सतह पर लगभग पांच सेकंड तक कंपन दर्ज किया। चंद्रमा पर इस कथित ‘भूकंप’ को लेकर इसरो ने कहा है कि यह प्राकृतिक घटना चंद्रमा पर दर्ज की गई है। प्रज्ञान रोवर और अन्य पेलोड ने इस संबंध में इसरो को डेटा भी भेजा है और अब इस पूरी घटना को लेकर जांच चल रही है।

26 अगसत को दर्ज किया गया था चांद की सतह पर कंपन

इससे पहले लैंडर में स्थापित ILSA इंस्ट्रूमेंट फॉर लूनर सिस्मिक एक्टिविटी ने 26 अगस्त 2023 को लगभग 5 सेकंड तक चले इस कंपन को रिकॉर्ड किया था। इसरो इस चंद्र कंपन के कारणों पर शोध कर रहा है। दरअसल चंद्रमा की सतह पर उल्कापिंड गिरने और भूवैज्ञानिक गतिविधियों के कारण भूकंप आते हैं। इतना ही नहीं, स्वदेशी आईएलएसए इतना संवेदनशील है कि इसने 25 अगस्त 2023 को चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान रोवर की गति के कारण होने वाले कंपन को सटीक रूप से रिकॉर्ड किया है।

चंद्रमा की सतह पर प्लाज्मा

चंद्रयान 3 अच्छा काम कर रहा है। चंद्रयान 3 के चांद पर उतरने का शुक्रवार 1 सितंबर को 10वां दिन है। इस दौरान चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह से कई अहम जानकारियां भेजीं।। इनमें सबसे प्रमुख है चंद्रमा की सतह पर तापमान के बारे में भेजी गई जानकारी। चंद्रयान लैंडर ने पाया है कि चंद्रमा पर प्लाज्मा दुर्लभ है। इसरो ने कहा कि चंद्रयान-3 लैंडर पर रंभा-एलपी पेलोड द्वारा दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर निकट-सतह चंद्र प्लाज्मा वातावरण के पहले माप के प्रारंभिक मूल्यांकन से संकेत मिलता है कि वहां प्लाज्मा अपेक्षाकृत विरल है।

रास्ते की बाधा को भांप लेता है रोवर

इसके अलावा चंद्रमा पर रोवर प्रज्ञान की गति अब तक बहुत सुचारू रही है। इसने अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं को भी भांप लिया और समय रहते अपना रास्ता बदल लिया। प्रज्ञान ने यह कारनामा 27 अगस्त को किया था। यानी प्रज्ञान भी अच्छे से काम कर रहा है और सौर ऊर्जा से चल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि 6 पहियों वाला यह रोवर चंद्रमा पर तब तक काम करेगा जब तक चंद्रमा पर दिन रहेगा और सूर्य की किरणें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच जाएंगी।

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