भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस 6 नवंबर को कनाडा में ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ करवाने जा रहा है। इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों से पूछा जाएगा कि क्या आप भारत से अलग एक नया खालिस्तान देश चाहते हैं? कनाडा में लगाई जा रही इस भारत विरोधी आग को भारत के पंजाब में भी फैलाने की प्लानिंग है। केंद्रीय जांच एजेंसी मानती हैं कि कश्मीर से आतंकियों के खात्मे के बाद पंजाब को आतंक की नर्सरी बनाने की साजिश है।
भारत सरकार ने जताई आपत्ति
कनाडा के ओंटारियो में ‘खालिस्तान रेफरेंडम’ होने पर भारत सरकार ने कनाडा सरकार के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने यह मुद्दा दिल्ली में कनाडाई एम्बेसी और कनाडा में भी अधिकारियों के सामने उठाया है।
पंजाब में लग रहे आतंकी संगठनों के पोस्टर बैनर
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पिछले 2 साल में पंजाब में भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में नारे बुलंद हो रही हैं।खालिस्तान समर्थक मंदिरों से लेकर स्कूलों तक में अपने पोस्टर, बैनर और स्लोगन लगा रहे हैं। रैलियों, रोड शो और सभाओं में आतंकी संगठन बब्बर खालसा और जरनैल सिंह भिंडरांवाले के पोस्टर लहराए जा रहे हैं।
इस सबके पीछे आईएसआई का हाथ
केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्र बताते हैं कि पिछले एक डेढ़ साल में पंजाब में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थन वाले टेरर ग्रुप तेजी से सक्रिय हुए हैं। इनमें खालिस्तान कमांडो फोर्स, भिंडरांवाले कमांडो फोर्स ऑफ खालिस्तान, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान लिबरेशन आर्मी शामिल हैं।
भारत में सिक्खों को बरगलाने हो रही विदेशी फंडिंग
जांच एजेंसी की मानें तो भारत में सिक्खों को बरगलाने और खालिस्तान जैसी देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करने के लिए विदेशी फंडिंग हो रही है। ब्रिटेन, कनाडा और जर्मनी ऐसे देश हैं जहां से ऐसी फंडिंग हो रही है। पाकिस्तान और चीन उन्हें लॉजिस्टिक सपोर्ट देते हैं। इसमें हथियार और ड्रग्स शामिल हैं।