फ्लाइटरडार—24 जैसे फ्लाइट ट्रैकर्स ने कथित तौर पर पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी बीचक्राफ्ट बी—350 एरियल मेजरिंग सिस्टम AMS एयरक्राफ्ट को देखे जाने की रिपोर्ट दी है। सोशल मीडिया चल रही इस तरह की खबरों ने पाक को संकट में डाल दिया है। इससे किराना हिल्स पर हमले की अफवाह और तेजी से फैलती नजर आ रही है।। हालांकि भारत की ओर से उन सभी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान में संवेदनशील परमाणु स्थलों पर बमबारी की थी। लेकिन सोशल मीडिया पर अब एक के बाद एक कई एक्सपर्ट्स यह बार बार दावे करते नजर आ रहे हैं कि पाकिस्तान के किराना हिल्स को निशाना बनाया गया था, यह वहीं स्थान है जहां पाकिस्तान ने अपने कुछ परमाणु वारहेड्स छुपाकर रखे थे। यह भी कहा जा सकता है कि किराना हिल्स में पाकिस्तान का न्यूक्लियर ठिकाना है। वहीं यह बड़ा दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई की बमबारी के बाद रेडियोएक्टिव रिसाव शुरू हो गया है। ऐसे में अमेरिका की एक टीम को रेडिएशन की जांच करने वाले अपने एक विमान के साथ उस साइट पर भेजा है। हालांकि अमेरिका की ओर से इस पर बयान आ गया है। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से इन सभी आरोपों पर पहली बार बयान दिया है।
- क्यों हो रही पाक के न्यूक्लियर स्टोरेज की चर्चा?
- OSINT है ओपन सोर्स जांच संगठन
- OSINT ने एक्सपर्ट्स के हवाले से किया दावा
- किराना हिल्स पर हमले का किया दावा
- OSINT के दावे को अब तक नहीं किया गया वेरिफाई
- भारत—पाक ने भी किया किराना हिल्स में हमले के दावे को खारिज
- अमेरिकी एयरक्राफ्ट को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाह
दरअसल पिछले दिनों 12 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में बोलते हुए भारत के एयर ऑपरेशन के महानिदेशक एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि “हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है।” उसी प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा था कि “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में परमाणु प्रतिष्ठान हैं। हमें इसकी जानकारी नहीं थी।” उन्होंने जिस अंदाज में ये बात कही थी, उससे सोशल मीडिया को और एक्टिव कर दिया।
अमेरिका ने दिया ये बड़ा बयान
अमेरिकी विदेश विभाग से जब सवाल पूछा गया कि क्या परमाणु विकिरण लीक के मामले की जांच के लिए अमेरिका की टीम पाकिस्तान गई है? इस सवाल का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश विभाग प्रवक्ता की ओर से बताया गया कि इस समय उनके पास इस पर पूर्वावलोकन करने के लिए कुछ भी खास नहीं है। उनके इस बयान का अब ये अर्थ निकलता है कि वहां ऐसा कुछ नहीं है जिसकी जांच की जा सके। यानि अमेरिका की ओर से एक तरह से न्यूक्लियर रेडिएशन की जांच की खबरों का पूरी तरह से खंडन कर दिया है।
दरअसल यह अफवाह सोशल मीडिया पर उस समय शुरू हुईं जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के कई एयरबेसों पर सटीक हवाई हमले किए थे। इन हमलों में सरगोधा और नूर खान एयरबेस पर किया गया हमला भी शामिल थे। ये दोनों महत्वपूर्ण स्थल पाकिस्तान में परमाणु-संबंधित बुनियादी ढांचे के बहुत करीब हैं। बताया जाता है कि रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस की दूरी तो पाक के न्यूक्लियर कमांड सेंटर से महज कुछ ही किमी की है। यहीं से पाकिस्तान के न्यूक्लियर कार्यक्रमों का प्रबंधन किया जाता है। इस बीच, सरगोधा एयरबेस में जहां भारतीस सेना ने जवाबी हमला किया था, वो भी किराना हिल्स से से लगभग 20 किमी दूर ही है। मुशफ़ एयरबेस में पाकिस्तान की ओर से उसने F-16 और JF-17 लड़ाकू विमानों को ऑपरेट किया जाता है। पाक की ओर से भी अभी तक परमाणु हथियारों और परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से जांच की कोई किसी तरह की आधिकारिक तौर पर मांग नहीं की गई है। लिहाजा किराना हिल्स को लेकर हुए हमले की बातें अब सिर्फ अफवाहें हो सकती हैं।…प्रकाश कुमार पांडेय