धनतेरस पर लोहा खरीदना अशुभ, फिर भी गाड़ी खरीदना क्यों होता है शुभ ….! क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य आइये जानते हैं…!

धनतेरस पर लोहा खरीदना अशुभ, फिर भी गाड़ी खरीदना क्यों होता है शुभ ….! क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य आइये जानते हैं…!

दीपावली से पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। वैसे तो इस दिन लोग पुरानी और सेकंड हैंड चीजों को खरीदने से बचते हैं। इतना ही नहीं लोहे से बने बर्तन, लोहे के औजार और लोहे के चाकू-कैंची, लोहे का तवा आदि कुछ भी चीजें भी नहीं खरीदना चाहत। ज्योतिष विद्या में उल्लेख है कि इन्हें खरीदने से घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है।

दीपावली से पहले मनाया जाता है धनतेरस पर्व
इस दिन नहीं खरीदी जाती पुरानी और सेकंड हैंड चीजो
लोहे से बने बर्तन, औजार और चाकू-कैंची भी नहीं खरीदते हैं
लोहे से बनी कुछ भी चीजें खरीदना से बचना चाहिए
धनतेरस पर लोहा खरीदने से होती है घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित
धनतेरस पर वाहन खरीदी को मान जाता है शुभ
ज्योतिषाचार्य कहते हैं इस तरह के प्रोडक्ट शुक्र के प्रभाव से हो जाते हैं शुभ
शुक्र के प्रभाव में वृद्धि होने से होती है खरीदी शुभ
शनि में शुक्र का प्रभाव पड़ने से संबंधित वस्तु भी हो जाती हैं शुभ
शुक्र के जुड़ने से खत्म हो जाती है शनि की नकारात्मकता

दीपोंत्सव दीपावली की रौनक बाजार में नजर आने लगी है। पांच दिन चलने वाले इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस के खास दिन भगवान धन्वंतरी के साथ माता लक्ष्मी के और धन के देवता कुबेर की पूजा अर्चना की जाती है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन स्वर्ण रजत ज्वैलरी के साथ बर्तन से लेकर घर में उपयोग आने वाले सामानों की खरीददारी की जाती है। कहते हैं धनतेरस पर बर्तन ज्वैलरी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। लोहे का सामान कभी भी धनतेरस पर नहीं खरीना चाहिये यह चीज ऐसी हैं जिसे धनतेरस पर खरीदना अशुभ माना जाता है। लोहा और उससे बनी वस्तुओं की खरीदारी धनतेरस पर नहीं की जाती धनतेरस पर लोहा खरीदना अशुभ माना जाता।

वास्तु शास्त्र में धरतेरस पर लोहे से बने बर्तन की खरीदारी होती है अशुभ
वास्तु शास्त्र के अनुसार लोहे से बने बर्तन, हुक और हैंडल जैसी दूसरी चीजें को भी खरीदना वर्जित माना गया गया है। ऐसे में सवाल यह भी उठता है जब लोहा या उससे बनीं वस्तुओं की खरीदारी धनतेरस के दिन अशुभ मानी जाती है तो लोग लोहे से बनी गाड़ियां क्यों खरीदते हैं? इसे लेकर ज्योतिषाों का कहना है लोहा क्षरण है। यह अपने आप जंग लगने से खुद व खुद नष्ट हो जाता है। जो वस्तुएं प्राकृतिक रूप से नष्ट होने वाली हों उन्हें धनतेरस पर नहीं खरीदना चाहिए। ज्योतिषियों की माने तो जो चीज प्राकृतिक रुप से क्षय नहीं होती है उसे खरीद सकते हैं। जैसे सोना-चांदी बर्तन बगैरह।

ज्योतिषियों के अनुसार लोहे का उपयोग कर बनाई गई गाड़ियों या दूसरी वस्तुओं को खरीदा जा सकता है। उनका मत है कि इस तरह के प्रोडक्ट शुक्र के प्रभाव से शुभ हो जाते हैं। जो लोहे के फाइन प्रोडक्ट होते हैं। यह सामान तैयार होने के उपरांत एडवांस हो जाते हैं। उनमें शुक्र के प्रभाव में वृद्धि हो जाती है। माना जाता है कि शनि में शुक्र का प्रभाव पड़ने से संबंधित वस्तु भी शुभ हो जाती है। शुक्र के जुड़ने से शनि की नकारात्मकता अपने आप खत्म हो जाती है और उसमें सकारात्मकता बढ़ जाती है।

 

 

 

 

 

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