नागपुर हिंसा की इनसाइड स्टोरी: धार्मिक पुस्तक जलाने की अफवाह के बाद फैला तनाव, आमने-सामने आए दो गुट
मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को महाराष्ट्र से बाहर ले जाने की मांग को लेकर भड़की हिंसा के बाद नागपुर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 17वीं सदी की यह कब्र औरंगाबाद में स्थित है, जिसे अब छत्रपति संभाजीनगर जिले के नाम से जाना जाता है।
महाराष्ट्र में इन दिनों औरंगजेब की मजार को लेकर सियासी तपिश चरम पर है, अति तो तब हो गई जब सोमवार दोपहर नागपुर में फैली एक अफवाह से उठी चिंगारी शाम होते-होते हिंसक दंगों में बदल गई। इन दंगों ने नागपुर के कई इलाकों को अपनी चपेट में ले लिया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में चार लोग घायल हो गए हैं, इतना ही नहीं 40 गाड़ियां फूंक दी गई हैं।
ऐसे हुई हिंसा की शुरुआत
हिंसा की शुरुआत औरंगजेब के मकबरे को हटाने को लेकर बजरंग दल के प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाने की अफवाह से हुई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। दोपहर बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। इसी दौरान सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में दावा किया गया कि प्रदर्शन के दौरान कुरान जलाई गई। इससे मुस्लिम समुदाय के लोगों में रोष फैल गया और वे महल, कोतवाली, गणेशपेठ और चितनवीस पार्क क्षेत्र में इकट्ठा होने लगे।
औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग, सीएम फडणवीस ने किया समर्थन
इससे पहले बढ़ते विवाद के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा के बीजेपी सांसद उदयनराजे भोसले ने औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग की थी। उन्होंने कहा- एक जेसीबी मशीन भेजकर उसकी (औरंगजेब की) कब्र को गिरा दो, वह चोर और लुटेरा था। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। तेलंगाना के बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने भी कब्र को हटाने की मांग की। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को पत्र लिखकर कब्र के रखरखाव पर होने वाले खर्च का ब्योरा मांगा। राजा ने कहा- हमारी संस्कृति को दबाने वाले व्यक्ति की कब्र पर करदाताओं के पैसे का एक भी रुपया खर्च नहीं होना चाहिए।
प्रकाश कुमार पांडेय