सिंधु जल समझौता रद्द: क्या सिंधु जल समझौता…जानें पाकिस्तान के लिए कितना बड़ा झटका है…

Indus Water Treaty cancelled know how big a setback it is for Pakistan

सिंधु जल समझौता रद्द: क्या सिंधु जल समझौता…जानें पाकिस्तान के लिए कितना बड़ा झटका है…

सिंधु जल समझौता रद्द करना पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। बता दें 1 अप्रैल 1948 को भारत की ओर से दो प्रमुख नहरों का पानी रोका गया था। उस समय पाकिस्तानी पंजाब क्षेत्र की करीब 17 लाख एकड़ जमीन पानी को तरस गई थी। इसके बाद 19 सितंबर 1960 में सिंधु जल समझौता किया गया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत अब एक बार फिर इन नदियों के पानी को रोकने का ऐेलान कर चुका है। इससे पाकिस्तान में हाहाकार मचना तय है।

पहलगाम आतंकी हमले में दरअसल एक बार फिर पाकिस्तानी साजिश की दुर्गंध आ रही है। खुफिया सूत्र बताते हैं कि आतंकी हमले की साजिश पाकिस्तान की जमीन पर ही रची गई थी। हमले के पीछे हाफिज सईद का करीबी सैफुल्लाह कसूरी का हाथ होने की बात कही जा रही है। ऐसे में देश में एक बार फिर पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है। सोशल मीडिया से लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं। पाकिस्तान को सख्त सबक सिखाए जाने की मांग की जा रही है। बताया जाता है इस आतंकी हमले में 28 हिन्दु पर्यटकों की जान चली गई, 17 लोग घायल हैं। ऐसे में पूरा रुख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर है। लोग भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे थे।

सिंधु जल संधि को लेकर बता दें कि जिसे रद्द करके भारत ने एक झटके में पूरे पाकिस्तान को प्यासा मारने की रणनीति पर काम किया है। कई बार पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत में लोगों ने सिंधु जल संधि को रद्द करने की मांग की थी। भारत में अब पहलगाम आतंकी हमले के बाद एक बार फिर जल संधि को खत्म करने की मांग की जा रही थी। जिसे अमल में लाया गया है।

जंग के बाद भी पानी नहीं रोका

बता दें, भारत को आजादी मिलने के बाद पाकिस्तान ने कई बार भारत को जंग के लिए ललकारा। तब भी भारत की ओर से कभी भी इस समझौते को नहीं तोड़ा। न ही पाकिस्तान का कभी पानी रोका। इस समझौते के अनुसार कोई भी देश एकतरफा इस संधि को नहीं तोड़ सकता। इसके नियम को भी नहीं बदल सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों मिलकर ही इस संधि में बदलाव कर सकते हैं, लेकिन भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी ने सख्त फैसला लिया है।
बताया जाता है कि विश्व बैंक की लंबी मध्यस्थता के बाद भारत और पाकिस्तान के मध्य सिंधु जल समझौता हुआ था।यह समझौता लागू होने से पहले 1 अप्रैल 1948 को भारत की ओर से दो प्रमुख नहरों का पानी रोक दिया था। जिससे पाकिस्तानी क्षेत्र वाले पंजाब की 17 लाख एकड़ जमीन पानी सूख गई थी। ऐसे में भारत की ओर से समझौते को रद्द किये जाने के बाद नदियों के पानी रोकने वाला है। जिससे पाकिस्तान में हाहाकार मचना तय है।

आखिर क्या है सिंधु जल संधि

भारत और पाकिस्तान दोनों के बीच बंटवारे के बाद दोनों ही देशों में पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए यह समझौता किया गया था। 19 सितंबर 1960 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अयूब खान ने मिलकर इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत छह नदियां ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब के साथ झेलम के पानी का उपयोग को लेकर नियम तय किए गए थे। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को तीन पश्चिमी नदियां झेलम,सिंधु और चिनाब से संपूर्ण जल प्राप्त हो रहा था। भारत को व्यास, रावी और सतलुज नदियों का जल प्राप्त होता है। नदियों के जल बंटवारे के लिए भारत और पाकिस्तान दोनों देशों ने सिंधु जल संधि की साल 1960 में की थी। इस संधि में विश्वबैंक मध्यस्थ था। ..प्रकाश कुमार पांडेय

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