‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सचिन पायलट का बड़ा बयान …सवाल सेना के शौर्य पर नहीं…सरकार की नीति पर है…पायलट ने केन्द्र सरकार के सामने रखी ये बड़ी मांग
पाकिस्तान और आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का बड़ा बयान सामने आया है। सचिन पायलट ने कहा जो सवाल उठ रहे हैं, उन सवाल पर केन्द्र सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सचिन पायलट का बड़ा बयान
- पायलट ने कहा जो सवाल उठ रहे हैं…
- …सवाल पर केन्द्र सरकार दे स्पष्टीकरण
- केन्द्र सरकार को बुलाना चाहिए संसद का विशेष सत्र
- अमेरिका की भूमिका पर भी देना होगा केन्द्र सरकार को जवाब
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि सवाल सेना के शौर्य पर नहीं बल्कि सरकार की नीति पर है। विपक्ष की और से मांग की जा रही है कि केन्द्र की एनडीए सरकार को संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। अमेरिका की भूमिका पर केन्द्र की एनडीए सरकार को जवाब देना चाहिए।
ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है!
कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कहा 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला किया गया था। यह हमला भारत पर आक्रमण था। उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीय सेना की ओर से कार्रवाई की गई है। भारतीय सेना का ऑपरेशन सिंदूर अब भी चल रहा है, उन्होंने कहा लेकिन हम चाहते हैं कि भविष्य में इस प्रकार की कोई घटना को अंजाम देने वाली ताकत को ही हमेशा हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहिए। भारतीय सेना ने जो शौर्य और पराक्रम दिखाया है उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता है। आतंकवाद के खिलाफ पूरी दुनिया और हमारा देश एक होना चाहिए।
भारतीय सेना का कोई सानी नहीं…सेना को किया सलाम
सचिन पायलट ने यह भी कहा सीमापार से लगातार आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा था। भारतीय सेना की ओर से जो पराक्रम दिखाया गया उसका कोई सानी नहीं है। भारत की तीनों जल थल और वायु सेना को हम सलाम करते हैं। लेकिन आगे पाकिस्तान की ओर से इस तरह की आतंकी घटनाएं अंजाम न दीं जाएं क्या उसे लेकर कोई अश्योरेंस मिली है या नहीं। इस पर केन्द्र की एनडीए सरकार को तत्काल जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस का भी मुद्दा आतंकवाद का विरोध
छत्तीसगढ़ पहुंचे कांग्रेस नेता पायलट ने यह भी कहा कि “हमारा मुद्दा आतंकवाद है, लेकिन कश्मीर को जानबूझकर ऐसे समय में चर्चा में लाया गया है। उन्हें खेद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और वहां के विदेश मंत्री ने एक बार भी आतंकवाद शब्द का उपयोग नहीं किया। आज पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद पर चर्चा लगभग बंद हो गई है।