भारतीय सेना ने जम्मू रीजन में आतंकवाद के सफाए के लिए ऑपरेशन ऑलआउट शुरु किया है। जिसकी मदद से सेना आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की रीढ़ तोड़ने में जुट गई है। भारतीय सेना ने आतंकी संगठन के लोकल नेटवर्क वाले 15 मुखबिर पकड़ लिए गए हैं। इनका सुराग भी 300 से ज्यादा ऑपरेशन स्थानीय लोगों से सख्त पूछताछ के बाद मिला था। सेना इनकी गिरफ्तारी के बाद ही कठुआ और डोडा में भारत के जवानों पर हमले करने वाले आतंकियों के स्केच जारी कर पाई है।
- आतंकियों की सूचना देने पर दिया जा रहा इनाम
- दिया जा रहा 5 लाख तक का इनाम
- अब लोग सेना की मदद के लिए आ रहे आगे
- भारतीय सेना ने पकड़े आतंकियों के 15 मुखबिर
- 500 प्राकृतिक गुफाएं खोजी जहां छुप रहे थे आतंकी
- ऑपरेशन पर पीएमओ की सीधी नजर
ऑपरेशन में करीब 7 हजार जवान 500 से अधिक कमांडो के साथ 170 वर्ग किमी के जंगल में हर हिस्सा खंगाला जा रह है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी बताया कि सेना अब तक जम्मू रीजन में ऐसी 500 प्राकृतिक गुफाएं तलाश चुकी है। जहां हमले के बाद आतंकी छिप रहे थे। वहीं जंगल में बॉर्डर पार से जुड़े कुछ ऐसे रास्ते भी सेना को मिले हैं, जहां से आतंकी बेरोकटोक आना जाना कर रहे थे।
बताया जाता है कि स्थानीय पुलिस ने आतंकियों और उनके मददगारों की सूचना देने वाले को पांच लाख रुपयं तक का इनाम देने का ऐलान किया है। इसी के बाद स्थानीय ग्रामीण जानकारी देने के लिए लगातार आगे आ रहे हैं। वो अब तक करीब एक दर्जन फोन और मोबाइल नंबर दे चुके हैं। इनकी जानकारी को पुख्ता करने के बाद ही जवानों को आगे बढ़ाया जा रहा है।
पीएमओ कर रहा ऑपरेशन की सीधे निगरानी
बताया जाता है कि जम्मू रीजन में यह अब तक का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन है। लिहाजा खुद प्रधानमंत्री कार्यालय सीधे इसकी निगरानी कर रहा है। ऑपरेशन की हर रिपोर्ट राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को भेजी जा रही है। ताजा हमलों में पहली बार पाकिस्तान की बैट टीम का भी पता चला है। माना जा रहा हे कि अगले कुछ दिन में सुरक्षा के प्रबंधन और मजबूत किये जा सकते हैं।
ओडिशा से बुलाए BSF के दो हजार जवान
बताया जाता है कि इन दिनों जम्मू ऑपरेशन में अधिक जवानों की तैनाती करने के लिए सरकार ने ओडिशा में तैनात बीएसएफ की दो बटालियन के करीब दो हजार जवानों को जम्मू भेजने का निर्णय लिया है। इन्हें पाकिस्तान से लगे सांबा या जम्मू-पंजाब बॉर्डर पर सेकंड लाइन के तौर पर तैनात किया जा सकता है। बताया जाता है कि यह जवान अब तक नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन में तैनात थे। बता दें कि बीएसएफ के जवान जम्मू ही नहीं पंजाब और राजस्थान के साथ गुजरात में करीब 2289 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की निगरानी करते हैं।