संकट में भारत-ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील !

वीजा को लेकर की गई टिप्पणी से भारत खफा

संकट में भारत-ब्रिटेन के बीच ट्रेड डील !

वीजा को लेकर की गई टिप्पणी से भारत खफा

ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन की वीजा को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने निराशा जताई है। इसके साथ ही अब भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते एफटीए को लेकर जारी वार्ता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। ये वार्ता खत्म होने की कगार पर पहुंच गई है। दावा किया गया है कि ब्रिटेन की गृह मंत्री के बयान से भारत ने निराशा जताई है। साथ ही अब आशंका जताई जा रही है कि दोनों देशों के बीच एफटीए वार्ता के दिवाली तक पूरी नहीं हो सकती। बता दें ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने दिवाली तक एफटीए वार्ता को पूरा करने का लक्ष्य रखा था। कहा जा रहा था कि एफटीए वार्ता सही दिशा में चल रही थी, लेकिन ब्रिटेन सरकार के कुछ लोगों के ऐसे बयानों से वार्ता में बाधा पैदा होती है। दरअसल बीते सप्ताह सुएला ब्रैवरमैन ने एक साझात्कार में कहा था कि अभी भी यहां बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं और एफटीए से ब्रिटेन में भारतीय प्रवासियों की संख्या बढ़ेगी।

वीजा क्षमता बढ़ाने का किया वादा

इधर ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी ने कहा कि ब्रिटेन से भारत आने वाले यात्रियों को भारतीय वीजा प्राप्त करने में आ रहीं दिक्कतों को दूर करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। दोराईस्वामी ने ट्वीट कर बताया कि अगले सप्ताह तक स्काटलैंड में एक और महीने के अंत तक लंदन में एक नए वीजा केंद्र को शुरू किया जाएगा।

वीजा के लिए 40 हजार आवेदनों का लक्ष्य

लंदन में इंडिया हाउस से अपने वीडियो संदेश में कहा कि उनका प्रयास है कि प्रति माह लगभग 40 हजार वीजा आवेदनों के लक्ष्य तक पहुंचा जा सके। हम स्थिति को सुधारने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसने यह भी दोहराया कि व्यक्तिगत वीजा आवेदकों के लिए वीजा आवेदन प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ब्रिटेन उन 150 से अधिक देशों में शामिल नहीं है जहां के लोगों को भारत की यात्रा करते समय आनलाइन पर्यटक ईण्वीजा विकल्प मिलता है।

दिवाली  तक होना था फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

भारत और ब्रिटेन के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर चर्चा लंबे समय से चल रही है। ब्रिटेन के पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन ने तो इस साल अप्रैल में उम्मीद जताई थी कि दिवाली तक भारत और ब्रिटेन के बीच में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हो जाएगा। लेकिन नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस के प्रवक्ता ने इस दिशा में बड़ा बयान दिया है। कहा गया है कि हां हम लोग भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट चाहते हैं। ऐसा होने पर भारत के मध्यम वर्ग को जरूरी सप्लाई यूके द्वारा की जाएगी। यहां ये जानना भी जरूरी हो जाता है कि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट दोनों भारत और ब्रिटेन के लिए मायने रखता है। मौजूदा दौर में भारत और ब्रिटेन का 50 बिलियन डॉलर का ट्रेड चल रहा है जबकि महत्वकांक्षी लक्ष्य 100 बिलियन डॉलर का रखा गया है। ऐसे में ये तभी पूरा हो सकता है जब दोनों देशों के बीच बिना किसी रुकावट के ट्रेड हो।

भारत ही नहीं ब्रिटेन के लिए भी जरूरी

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भारत ही नहीं ब्रिटेन के लिए काफी महत्वपूर्ण है। दरअसल, यह तमाम व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा। बता दें दोनों देश जनवरी 2022 में बातचीत करने पर सहमत हुए थे। इसके बाद बात सकारात्मक होती चली गई। इसका मुख्य उद्देश्य ट्रेड और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाना है।

क्या होता है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की बात करें तो इस समझौते के तहत भारत और ब्रिटेन के बीच में व्यापार को तो बढ़ाने के साथ ही आयात और निर्यात में जो भी रुकावटें रहती हैं उन्हें समाप्त किया जाएगा। फ्री ट्रेड एग्रीमेंट में ही सब्सिडी, कोटा, टैरिफ को भी कम कर दिया जाता है। इसका फायदा दोनों देशों को पहुंचता है। भारत के लिहाज से बात करें तो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने पर एक्सपोर्ट सेक्टर में बड़ी ग्रोथ देखने को मिल सकती है। इसके अलावा एग्रो, लेदर, टेक्सटाइल जैसे सेक्टरों में भी बढ़ोतरी दर्ज होने की उम्मीद है। वहीं ब्रिटेन और भारत में इस एक एग्रीमेंट की वजह से रोजगार के अवसर भी कई गुना बढ़ने की संभावना है।

भारत की कई देशों के साथ डील

बता दें कि भारत के अप्रैल 2022 तक दक्षिण एशियाई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भूटान, नेपाल, थाईलैंड, सिंगापुर, जापान और मलेशिया सहित 13 फ्री ट्रेड एग्रीमेंट थे। हालांकि 13 में से पिछले पांच साल के दौरान यूएई, मॉरिशस और ऑस्ट्रेलिया से साथ हुए समझौते भी शामिल हैं। वहीं 6 सीमित ट्रेड समझौतों पर भी साइन किए गए हैं।

Exit mobile version