ड्रैगन की चाल, भारत को झटका! रूस ने क्यों की पाकिस्तान से कच्चे तेल की डील?

crude oil russia

भारत और रुस के संबंध वैसे तो घनिष्ठ है, लेकिन रुस अपने व्यापारिक हित के मद्देनजर चीन के भी करीब जा रहा है। चीन के आग्रह पर ही रुस ने पाकिस्तान की मदद की है। रूस से सस्ते और कच्चे तेल की पहली खेप पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पहुंच चुकी है, जो महंगाई और तेल की उंची कीमतों की से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने यह जानकारी दी और कहा पाकिस्तान में जारी महंगाई और तेल की बढ़ती कीमतों के बीच यह राहत की बड़ी है।

बता दें कि पाकिस्तान इस समय भारी कर्ज में डूबा है। लगातार उसकी मुद्रा में गिरावट आ रही है। इन हालात से जूझ रहे पाक को रूस से पहली खेप के रूप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल मिला है। सस्ते दामों में ये तेल मिलना उसके लिए किसी वरदान से कम नहीं। वहीं भारत के दृष्टिकोण से यह एक बड़ा झटका है। दरअसल रूस और भारत के घनिष्ठ संबंध रहे हैं। लेकिन चीन के कहने पर रूस ने पाकिस्तान की मदद की है। रुस का ये कदम भारत के हितों के लिए चुनौती पेश करने वाली बात है।

पाक के लिए बदलाव का दौर-शहबाज

भिखारी को भीख मिलने पर जो खुशी होती है शायद यही खुशी रूस से सस्ते तेल की पहली खेप मिलने के बाद पाकिस्तान को हो रही है। तेल की पहली खेप करांची पहुंचने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ खुश नजर आ रहे हैं। पाक पीएम ने ट्वीट कर लिखा कि उन्होंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। रूस के सस्ते तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है और अब उसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। पाक पीएम ने लिखा यह एक बदलाव का दिन है। पाक समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ा है। यह रूस और पाकिस्तान के नए रिश्तों की शुरुआत है। कहा जा रहा है कि अगर सबकुछ ठीक होने की स्थिति में पाकिस्तान, रूस से प्रति दिन एक लाख बैरल तेल खरीद सकता है। बता दें पाकिस्तान में इन दिनों 1 लीटर पेट्रोल की कीमत करीब 262 पाकिस्तानी रुपए है। ऐसे में रूस से सस्ता तेल मिलने से पाकिस्तान के आम उपभोक्ताओं को महंगाई से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

दिसंबर 2022 से शुरु हुई थी डील पर चर्चा

बता दें दिसंबर 2022 में पाकिस्तान और रूस के बीच सस्ते तेल की खरीद के लिए चर्चा शुरु हुई थी। रूस ने पहले 30 प्रतिशत डिस्काउंट पर पाकिस्तान को सस्ता तेल देने से इनकार कर दिया था। हालांकि जनवरी 2023 में रूस और पाकिस्तान के बीच फिर बातचीत हुई और अप्रैल में पाकिस्तान की ओर से पहला ऑर्डर दिया गया था। 2022 में पाकिस्तान ने 154000 बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा था। जिसमें से उसने 80 प्रतिशत तेल की खरीद सऊदी अरब और दूसरे खाड़ी देशों से की गई थी। आज की हालत में पाकिस्तान रूस से 1 लाख बैरल तेल प्रतिदिन खरीद सकता है। ऐसे में चीन और भारत के बाद रुस से तेल खरीदने में पाकिस्तान सबसे बड़ा खरीददार बनकर उभरा है।

ड्रैगन ने दिया भारत को झटका

पाकिस्तान का हिमायती चीन अब उसकी दोस्ती रुस से कराने पर तुला है। यही वजह है कि रूस और पाकिस्तान के बीच कच्चे तेल का ये सौदा भारत के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। दरअसल भारत और रूस के संबंध घनिष्ठ माने जाते हैं। जिसके चलते रूस ने अब तक पाकिस्तान से दूरी बनाकर रखी थी। जिसे पाकिस्तान और अमेरिका का करीब होना भी था लेकिन बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और अमेरिका के संबंध तेजी से मजबूत हो रहे हैं तो वहीं पाकिस्तान पूरी तरह से चीन के खेमे में जा चुका है। यूक्रेन और रुस के बीच युद्ध के चलते रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। जिससे रुस अलग-थलग पड़ता जा रहा है।। यही कारण है कि रूस अब पाकिस्तान के करीब जा रहा है, जो भारत हित और उसके दृष्टिकोण से ठीक नहीं है।

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