भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया है. ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 210 रनों से मात दी है. पांचवे दिन 280 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने एक बार फिर अपने फैंस को निराश किया . चेज मास्टर कहे जाने वाले विराट कोहली ऑस्ट्रेलियन स्कोर के और 6 रन ही चेज कर सकें और चलते बने. ऑस्ट्रेलिया के बॉलर स्कॉट बोलैंड ने उन्हें स्मिथ के हाथों कैच कराया. पहली पारी के हीरो रहे रहाणे ने भारत को कुछ देर के लिए गेम में बनाएं रखा, लेकिन वे भी स्टार्क की गेंद पर खराब शॉट खेलकर चलते बनें. धीरे धीरे भारत विकेट खोता चला गया और पहले सेशन में ही ऑल आउट हो गया. भरत ने भी थोड़े बहुत हाथ पैर चलाएं लेकिन वो भी ज्यादा देर टिक न सकें.
सीनियर खिलाड़ियों की लापरवाही
फाइनल में सीनियर खिलाड़ियों की लापरवाही देंखने को मिली. टीम के कप्तान रोहित शर्मा हो विराट कोहली या अंजिक्य रहाणे हो सभी ने गैर जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाया जिससे भारत को इतनी बड़ी हार झेलनी पड़ी.
नॉकआउट में हार का सिलसिला जारी
भारतीय फैंस लगभग 10 सालों से ट्रॉफी का इंतजार कर रहे है. लेकिन भारतीय टीम के कारण फैंस को हर बार निराशा झेलनी पड़ती है. नॉकआउट मैचों में बड़े खिलाड़ियों का न प्रदर्शन करना भारतीय टीम का सालों से हार का कारण रहा है. इस हार के बाद टीम सेलेक्शन और सीनियर प्लेयर्स पर सवाल उठने लाजमी है. बीसीसीआई को भी अब उम्रदराज प्लेयर्स से ऊपर उठना पड़ेगा और भारत के यंग टैलेंट को आगे लाना होगा.
रिषभ पंत को किया मिस
कहा भारतीय फैंस ऑस्ट्रेलिया की गावा वाली जीत के सपने देंख रहे थे, लेकिन वे भूल गए थे कि टीम के पास रिषभ पंत नहीं है. भारतीय टीम को फाइनल में अगर किसी की कमी खली है तो वे रिषभ पंत ही थे. टीम ने पंत के अटैकिंग क्रिकेट को बहुत मिस किया. हालांकि इस हार के बाद टीम सेलेक्शन और सीनियर प्लेयर्स पर बीसीसीआई को सोचना जरूरी है.
कोचिंग स्टाफ पर उठेंगे सवाल
बीसीसीआई कहने को तो दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है लेकिन एक टीम ऐसी तैयार नहीं कर पा रहा है, जो भारत को कप जीता सकें. टीम के प्रदर्शन से अलग कोचिंग स्टाफ की बात करें तो कोचिंग में राहुल द्रविड़ ने निराश ही किया है. चाहे वो टी20 वर्ल्डकप हो या घर से बाहर सीरीज जीतना हो, राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के लिए कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाएं है.