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भारत कर सकता है रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता!

रूस-यूक्रेन युद्ध ओर जी-20 देशों की बैठक

DigitalDesk by DigitalDesk
October 20, 2022
in दिल्ली
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भारत कर सकता है रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता!
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भारत कर सकता है रूस-यूक्रेन के बीच मध्यस्थता!

रूस-यूक्रेन युद्ध ओर जी-20 देशों की बैठक

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रूस यूक्रेन युद्ध के बीच दुनिया की नजर अगले माह 15 और16 नवंबर को बाली में होने वाली जी-20 देशों की बैठक पर है। उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच चर्चा हो सकती है। इससे युद्ध का संकट के समाधान का रास्ता खुल सकता है। हालांकिए आधिकारिक तौर पर इन अटकलों की कोई पुष्टि हुई है और न ही इन्हें किसी देश ने खारिज किया है। बता दें कि जी-20 देश दुनिया की 75-70 फीसदी अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसी से जुड़े मुद्दों पर इसमें बात होती है। लेकिन इस बार दुनिया को उम्मीद है कि जी-20 के मंच से यूक्रेन में शांति का फॉर्मूला निकल सकता है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में अमेरिका एक अहम किरदार

रूस-यूक्रेन के बीच जारी मौजूदा युद्ध में अमेरिका एक अहम किरदार है। इसलिए बाइडेन और पुतिन के बीच में यदि इस विषय पर कोई बात होती तो वह इस संकट के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। विषेशज्ञों की माने तो अमेरिका समेत समूचे यूरोप में मंदी छाने से नाटो देशों पर युद्ध को खत्म करने का दबाव बढ़ रहा है। कई यूरोपियन देशों में जनता की तरफ से इस तरह की मांग उठी है। दूसरे  अरब देशों के रूस के साथ खड़े होने और एक नवंबर से तेल का उत्पादन 20 लाख बैरल प्रतिदिन कम करने से तेल की कीमतें बढ़ने की आशंका भी है। इससे जहां रूस अपना तेल बेचने में कामयाब होगा। वहीं अमेरिका समेत समूचे यूरोप के लिए भी इससे मुश्किलें पैदा होंगी। इसलिए अमेरिका का भावी रुख इस मामले में महत्वपूर्ण होगा। चूंकि बाइडेन ने अभी तक पुतिन से मुलाकात से इनकार नहीं किया है जिसके चलते भी ऐसी अटकलों को बल मिला है।

यूक्रेन नहीं है जी-20 का सदस्य

इंडोनेशिया ने जी-20 में सऊदी अरब और यूक्रेन दोनों को आमंत्रित किया है। हालांकि दोनों जी-20 के सदस्य नहीं हैं। उन्हें विशेष आमंत्रित के तौर पर न्योता भेजा गया है। इसके बाद से यह भी अटकलें लगनी शुरू हुई हैं कि बाइडेन सऊदी प्रिंस से भी मुलाकात कर सकते हैं। जिसमें तेल उत्पादन घटाने के मुद्दे पर बात की जा सकती है। हालांकि अमेरिका की तरफ से इन अटकलों को खारिज किया जा रहा है। यूक्रेन को आमंत्रित किए जाने के पीछे इंडोनेशिया का असल उद्देष्य संकट के समाधान की जमीन तैयार करना माना जा रहा है। यह कैसे होगा इस बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं हे। बता दें  अरब देशों के रूस के साथ खड़े होने से भी भू राजनीतिक स्थितियां बदल रही हैं। जिन्हें नाटो देश अनदेखा नहीं कर सकते।

क्या होगी भारत की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जी-20 की बैठक में हिस्सा लेंगे। लिहाजा यह भी चर्चा लगातार हो रही हैं कि क्या भारत रूस यूक्रेन संकट के समाधान में मध्यस्थ की भूमिका निभाएगा। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार रूस और यूक्रेन के राष्ट्राध्यक्षों से शांति कायू करने की अपील कर चुके हैं। साथ ही यह भी प्रस्ताव दे चुके हैं कि भारत इस संकट के समाधान में भूमिका निभाने के लिए तैयार है। कई यूरोपीय देश भी कह चुके हैं कि भारत इसके लिए पहल करे। कई देशों ने भारत के रुख का भी समर्थन किया है। लिहाजा यह भी देखना होगा कि जी-20 के मंच पर इस संकट को लेकर भारत किस प्रकार अपनी भूमिका निर्वहन करता है। दुनिया की निगाहें बाइडेन-पुतिन की मुलाकात के साथ-साथ भारत के रुख पर भी टिकी हैं।

यूक्रेन में बिजली आपूर्ति रोकी

रूस-यूक्रेन के बीच पिछले आठ महीने से जारी युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस युद्ध के बीच एक तरफ जहां खेरसॉन पर रूस की पकड़ ढीली होती जा रही है तो वहीं रूसी सैनिक के यूक्रेन में शहरी क्षेत्र में ताबड़तोड़ हमले कर रहे हैं। यहां रूसी सैनक लगातार मिसाइल हमले और गोलाबारी कर रहे हैं। जिससे यूक्रेन के कई ऊर्जा संस्थान और परियोजनाएं पूरी तरह से नष्ट हो गईं। हमलों की वजह बर्बाद ऊर्जा से यूक्रेन के गांव, कस्बे और कुछ शहर में बिजली सप्लाई ठप हो गई है। जिससे ये इलाके पूरी तरह से अंधकार में डूब गए हैं। ऐसे में  यूक्रेन ने 20 अक्टूर को देशभर में सुबह सात बजे से रात 11 बजे तक बिजली की आपूर्ति को पूरी तरह से बंद करने का फैसला किया है। इससे पहले, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने बिजली और ऊर्जा उत्पादन पर चर्चा करने को लेकर वरिष्ठ ऊर्जा अधिकारियों से मुलाकात की। उनसे बातचीत के बाद जेलेंस्की ने कहा यूक्रेन के 30 फीसदी बिजली स्टेशन रूसी हमलों से नष्ट हो चुके हैं। जिससे देश में ऊर्जा संकट पैदा हो गया है। जेलेंस्की कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार रूस ने पावर स्टेशन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है। इसलिए 20 अक्टूबर को पूरे यूक्रेन में बिजली आपूर्ति रोक दी गई है। बताया जाता कि यह एक उपाय किया जा रहा है कि बिजली सुबह 7 बजे से रात 11 बजे तक बंद रहेगी। साथ ही उन्होंने लोगों से भी अपील की और कहा कि बिजली का उपयोग कम से कम करना आवश्यक है।

रुस चाहता है कीव पर कब्जा

यूक्रेन के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि कीव पर कब्जा करने के लिए रूस यूक्रेन के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। एनरहोदर के मेयर दिमित्रो ओरलोव का कहना है शहर में बिजली और पानी के केंद्रों को निशाना बनाया गया। क्षेत्रीय गवर्नर ने बताया कि यूक्रेन के दक्षिण-मध्य क्षेत्र में स्थित क्रीवयी रिह में एक बिजली संयंत्र मिसाइल हमलों से बुरी तरह नष्ट हो गया।

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Tags: G-20 countries meetingG20 meetingindiaMediationPresident Vladimir PutinPrime Minister Narendra ModiRussia UkraineRussia Ukraine WarThe crisis of war
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