केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने इसी माह 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। ऐसे में इस विशेष सत्र की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है। अटकलबाजी के बाजार का पारा भी हाई हो रहा है। केन्द्र सरकार विशेष सत्र में आखिर क्या करने वाली है। इसकी अब तक किसी को कोई सूचना नहीं है। इस बीच जी 20 समूह सम्मेलन के सम्मान में आयोजित होने वाला डिनर सुर्खियों में आ गया है।
दरअसल जी-20 सम्मेलन के सम्मान में जो डिनर आयोजित किया गया है उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। इस पर देश में सियासत गरमा गई है।
- रिपब्लिक ऑफ इंडिया नहीं, ‘भारत’
- राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने दिया जी-20 का न्यौता
- दिया जाएगा विदेशी राष्ट्राध्यक्षों, मुख्यमंत्रियों को डिनर
- डिनर के लिए भेजा गया है आधिकारिक निमंत्रण
- निमंत्रण कार्ड में पहली बार लिखा गया है रिपब्लिक ऑफ भारत
- अब तक लिख जाता था रिपब्लिक ऑफ इंडिया
- दिल्ली में होगा जी-20 शिखर सम्मेलन
- 9 और 10 सितंबर को होगा शिखर सम्मेलन
- सम्मेलन में बहुत से देश के प्रतिनिधि होंगे शामिल
- भारत आ रहे हैं कई देशों के प्रतिनिधि
जयराम का ट्वीट-अब राज्यों के समूह पर भी खतरा!
ऐसे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश का एक ट्वीट सामने आया है। जिसमें उन्होंने बताया है कि जी-20 सम्मेलन के सम्मान में आयोजित किये जाने वाले डिनर के निमंत्रण कार्ड पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा है कि तो ये खबर वाकई में सच है। राष्ट्रपति भवन ने इसी माह 9 सितंबर को होने वाले जी-20 डिनर के लिए जो न्योता भेजा है। उसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया नहीं इसकी जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है। उनहोंने लिखा अगर संविधान के आर्टिकल एक का अध्ययन किया जाए तो उसमें साफ शब्दों में लिखा है कि भारत जो कि इंडिया है। एक राज्यों का समूह होगा। वहीं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा कि अब तो राज्यों के समूह पर भी खतरा है।
निमंत्रण पत्र पर ये लिखा
केंद्र सरकार की ओर से 18 से 22 सितंबर के बीच संसद के विशेष सत्र को आहूत किया है। इस दौरान अमृत काल से जुड़े कई विषयों पर मंथन किया जाएगा। हालांकि कोई निश्चित एजेंडा अब तक सामने नहीं आया है। जिसकी वजह ये अलग-अलग तरह की बात हो रहीं है। विशेष सत्र के दौरान एक देश एक चुनाव ही नहीं महिला आरक्षण बिल के साथ इंडिया की जगह भारत जैसे बिल या प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना दिखाई दे रही है। ऐसे कयास लग रहे हैं कि ये बिल या प्रस्ताव इस दौरान चर्चा के लिए पेश किये जा सकते हैं। मंगलवार को असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने भी एक ट्वीट किया। जिसमें लिखा है कि रिपब्लिक ऑफ भारत, ये खुशी और गर्व का विषय है। हमारा देश अमृतकाल की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है।
संघ प्रमुख ने की थी लोगों से अपील इंडिया नहीं भारत लिखें
बता दें संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान लोगों से देश को इंडिया नहीं बल्कि भारत कहे जाने की अपील की थी। संघ प्रमुख ने इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किए जाने की को लेकर लोगों से गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान अपील की थी। संघ प्रमुख की इस अपील के बाद देश भर में इस पर चर्चा छिड गई । इस बीच देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू की ओर से इंडिया की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल किया है। उन्होंने जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले मेहमानों को डिनर के लिए आमंत्रित किया है। महामहिम की ओर से भेजे गए निमंत्रण पत्र में रिपब्लिक ऑफ इंडिया की बजाय ‘रिपब्लिक ऑफ भारत’ शब्द का उपयोग किया है।
बड़ा सवाल क्या वाकई बदल जाएगा इंडिया का नाम
इंडिया और भारत के नाम की बात की जाए तो ये चर्चा अब हर चौक चौराहे तक पहुंच चुकी है कि संविधान में जहां-जहां इंडिया शब्द का उपयोग किया गया है। वहां भारत कर दिया जाएगा। दरअसल इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा जोरों पर है। इस चर्चा को तब और अधिक बल मिला जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम में दौरान कहा हमारे देश का नाम काफी पहले से ही भारत है। ऐसे में इसे इंडिया नहीं कहा जाना चाहिए।