गठबंधन पर रार- बसपा के नाम पर सपा नहीं तैयार! कांग्रेस छोड़ना नहीं चाहती सपा का साथ

India Alliance BSP SP Congress Lok Sabha Elections 2024

लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन में कौन-कौन से दल शामिल होंगे इस पर तस्वीर अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है। खास तौर पर उत्तर प्रदेश में सुई सपा और बसपा को लेकर अटक रही है। इसको लेकर कांग्रेस की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। यूपी के कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा भाजपा के विरोध में सपा, बसपा और सभी को साथ लाने की कोशिश की जा रही है। इस देश के संविधान और लोकतंत्र को जो बचाना चाहते हैं, उन्हें साथ लेकर चलना INDIA के सभी घटक दलों की है। यह अकेले कांग्रेस का काम नहीं हैं।

दरअसल में समाजवादी पार्टी और बसपा को लेकर कांग्रेस सियासी दुविधा की स्थिति में है। जहां वह सपा को छोड़ना नहीं चाहती तो वहीं बसपा को भी अपने साथ रखना चाहती है। तो उधर बसपा भी अपना सियासी अस्तित्व बचाने के लिए इंडिया गठबंधन का दामन थाम सकती है। लेकिन इन सबके बीच पेच फंस रहा है अखिलेश यादव का। असल में अखिलेश यादव मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान हुए अपमान को अभी तक भुला नहीं पाए हैं। ऐसे में मौका देखकर यूपी में चीजों को वह अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। इसके लिए वे दबाव से लेकर तमाम तरकीबें आजमा रहे हैं। उन्हें भी अंदाजा है कि बसपा के इंडिया गठबंधन में आने के बाद यूपी में उनकी लड़ाई पर किस तरह से असर पड़ेगा।

दरअसल उतर प्रदेश की पूर्व सीएम और बसपा सुप्रीमो मायावती फिलहाल किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं हैं। इतना ही नहीं वह कई मौकों पर किसी गठबंधन का हिस्सा बनने से भी वे इनकार कर चुकी हैं। हालांकि पिछले दिनों उन्होंने इंडिया गठबंधन के भीतर अपनी आलोचना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। इतना ही नहीं मायावती ने नाम लेते हुए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी कुछ टिप्पणी की थी। इसके अलावा उन्होंने समाजवादी पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के भी बयान का जिक्र किया था।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि मायावती इंडिया अलायंस में नहीं हैं। वे बीजेनी नीत एनडीए में भी जाना नहीं चाहती हैं तो अखिलेश यादव और इंडिया गठबंधन के दूसरे दलों के नेताओं की टिप्प्णी से मायावती को फर्क क्यों पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर बसपा प्रमुख मायावती की ओर से पिछले दिनों में किए गए सिलसिलेवार ट्वीट्स और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर जुबानी हमलों के सदंर्भ में सियासी जानकार बसपा चीफ का पुराना बयान भी अब याद दिला रहे हैं।

पिछली बार दिसंबर 2023 में मीडिया से चर्चा दौरान मायावती ने विपक्षी दलों को इशारों में यह सलाह दी थी कि किसी के खिलाफ इस तरह की भाषा का उपयोग न किया जाए। जिससे जरूरत के समय सहयोग मांगने में हिचक हो। इसके साथ ही सियासी जानकारों का कहना है कि बसपा चीफ मायावती इंडिया गठबंधन में अपने लिए बंद हो रहे दरवाजों को लेकर भी असहज हैं। कांग्रेस जहां उत्तरप्रदेश में इंडिया गठबंधन में बीएसपी को भी साथ लाने की पुरजोर कोशिश कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ खड़ी है।

Exit mobile version