प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर जब आजादी दिवस के अवसर पर 98 मिनट का भाषण दिया। पीएम ने अपने भाषण में वन नेशन वन इलेक्शन पर भी जोर दिया। आइये जानते हैं आखिर ये वन नेशन वन इलेक्शन क्या है और इससे क्या फायदे हैं।
- वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले प्रधानमंत्री मोदी
- लाल किले से वन नेशन वन इलेक्शन को दोहराया
- क्या कहा पीएम ने वन नेशन वन इलेक्शन के बारे में
- देश को क्या फायदा होगा वन नेशन वन इलेक्शन से
- मार्च 2024 में सौंपी थी कोविंद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी
- लाल किले से देश को किया संबोधित
- ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ One Nation One Election पर दिया जारे
- One Nation One Election के लिए देश को आना होगा आगे
- भारत की प्रगति के लिए इस सपने को पूरा करना होगा
प्रधानमंत्री ने कहा लाल किले से वे राजनीतिक समुदाय से One Nation One Election के विचार का समर्थन करने की अपील करते हैं। इस पहल को लेकर और इसके पीछे देशवासियों का एकजुट होना सबसे महत्वपूर्ण है। बार-बार चुनाव से देश के विकास में गतिरोध पैदा होता है। आज हर योजना और पहल ऐसी लगती है कि चुनाव चक्र से यह प्रभावित है। हर गतिविधियां राजनीतिक विचारों से रंगी हुईं नजर आती है।
बता दें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ को लेकर समिति गठित की गई थी। जिसने इसी साल मार्च 2024 में अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद समिति की यह रिपोर्ट करीब 18 हजार 626 पन्नों की है। समिति की ओर से इस रिपोर्ट में साल 2029 में सभी चुनाव एक साथ कराने की सिफारिश की गई है।
दरअसल देश में किसी न किसी हिस्से किसी न किसी राज्य में तकरीबन हर साल और हमेशा ही कोई न कोई चुनाव होते ही रहते हैं। यह कटू सच्चाई है कि देश में पिछले करीब तीस साल एक भी वर्ष ऐसा नहीं बीता जब चुनाव आयोग ने देश के किसी न किसी प्रदेश में कोई चुनाव न करवाया हो।
एक देश एक चुनाव का क्या है आखिर आइडिया ?
One Nation One Election का वास्तविक अर्थ यह है कि चाहे संसद हो विधानसभा हो या स्थानीय निकाय के चुनाव। सभी एक साथ और एक ही समय पर हों। इसे सरल भाषा में इस तरह समझा जा सकता है कि मतदाता यानी लोग एक बार मतदान के लिए जाएं तो संसद, विधानसभा और निकाय के अपने जनप्रतिनिधि को एक ही दिन में सरकार या प्रशासन के तीनों स्तरों के लिए मतदान करेंगे। अब चूंकि राज्य विधानसभा और लोकसभा संसद के चुनाव केंद्रीय चुनाव आयोग की ओर से संपन्न करवाये जाते हैं। जबकि स्थानीय निकाय चुनाव राज्य चुनाव आयोग संपन्न करवाता है। इस ‘One Election’ के आइडिया में आसानी से समझा जा सकता है कि तकनीकी रूप से संसद के साथ राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ संपन्न करवाए जा सकते हैं।