भारत की सैन्य ताकत में इजाफा
पाक के और करीब होगी भारतीय वायू सेना
बनासकांठा में बनेगा एयरबेस
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के बनासकांठा में बनने वाले एयरबेस का शिलान्यास किया है। ये पश्चिमी सीमा पर भारत का नया प्रहरी बनेगा। डीसा में बनने वाला यह एयरबेस वायुसेना का 52 स्टेशन होगा। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा अगर हामरी सेना विशेष तौर पर वायुसेना डीसा में होगी तो किसी भी दुस्साहस का और बेहतर तरीके से जवाब दे पाएंगे। उन्होंने ने कहा जिस बनासकांठा ने अपनी पहचान शौर्य शक्ति के तौर पर बनाई थी। अब वह वायु शक्ति का केंद्र बनेगा। इस मौके पर पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि पिछली सरकारों ने इस एयरबेस को लटकाए रखा। पीएम मोदी ने कहा गुजरात सरकार ने इस एयरबेस के लिए साल 2000 में ही जमीन दी जा चुकी थी। तब बार-बार केंद्र की तत्कालीन सरकार को समझा रहे थे, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ी।
एयरबेस बनने में लगेंगे 21 महीने
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने कहा कि इस एयरबेस से एक साथ पश्चिमी सीमा पर जमीनी और समुद्री ऑपरेशन करना संभव होगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही वडोदरा और अहमदाबाद जैसे आर्थिक केंद्रों को मजबूत एयर डिफेंस भी मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि डीसा एयरबेस रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बनने में 21 महीने का समय लगेगा। डीसा में बनने वाला यह एयरबेस 4591 एकड़ में बनेगा। साथ ही इसके निर्माण में एक हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। बता दें यह एयर बेस अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 130 किलोमीटर की दूर है। यानी एयरबेस के बनने के बाद वायुसेना की मौजूदगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के काफी करीब तक होगी। किसी भी स्थिति में दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब दिया जा सकेगा। इस एयरबेस के निर्माण से गुजरात के आसपास के एयरबेस के बीच 355 किलोमीटर की दूर कम होगी। इसके चलते लड़ाकू विमानों की ऑपरेशन में बढ़ोतरी हो सकेगी।
सुरक्षा में माना जा रहा गेमचेंजर
डीसा एयरपोर्ट की लोकेशन काफी स्ट्रैटेजिक है। इसी के चलते इस पश्चिमी सीमा की सुरक्षा में गेमचेंजर माना जा रहा है। यानी दुश्मन पर हमला करने के लिए लड़ाकू विमान कुछ ही मिनटों ने दुश्मन पर हमला बोला सकेंगे। केंद्र सरकार काफी समय से लटके इस एयरबेस के निर्माण की अनुमाति दो साल पहले दी थी। पीएम मोदी ने डिफेंस एक्सपो में इसकी आधारशिला रखी। इस एयरबेस से बोइंग सी 17 ग्लोब मास्टर, सुखोई, मिग, तेजस और मिग 29 जैसे विमान उड़ान भर सकेंगे। इस मामले में वायुसेना सेवानिवृत्त ऑफिसर जय जोशी कहते हैं कि इस एयरबेस के बनने से आए दिन मिलने वाली धमकियां बंद हो जाएंगी। पश्चिमी सीमा की सुरक्षा मजबूत हो जाएगी। वे कहते हैं अभी जामनगर, भुज और नलिया तीन एयरबेस हैं। डीसा एयरबेस एक बड़े खालीपन को खत्म कर देगा। 2024 तक यह एयरबेस तैयार हो जाएगा।
भारत की सैन्य ताकत में इजाफा
भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर बनने वाले इस एयरबेस से भारत की सैन्य ताकत में इजाफा होगा। करीब चार साल पहले मार्च 2018 में केन्द्र सरकार की सुरक्षा मामलों की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति ने वायु सेना के फॉरवर्ड फाइटर बेस की इस योजना को मंजूरी दी थी। एयरबेस रनवे बोइंग सी.17 ग्लोब मास्टर समेत एयरक्राफ्ट की नई जेनरेशन की आवाजाही हैंडल करने में सहूलियत होगी। वर्ष 2024 तक इस एयरबेस के तैयार होने की संभावना है।