वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण आज गुरुवार 13 फरवरी को लोकसभा में @new income tax bill 2025 पेश कर सकती हैं। इससे बिलि पहले केन्द्र की एनडीए सरकार ने इनकम टैक्स बिल का ड्राफ्ट एक दिन पहले बुधवार को जारी कर दिया किया था। इस बिल का उद्देश्य आयकर कानून को सरल बनाना है। जिसके लिए उसकी भाषा में कई परिवर्तन किए गये हैं। सबसे बड़ा परिवर्तन टैक्स कैलकुलेशन के लिए ‘फाइनेंशियल इयर’ या ‘असेसमेंट इयर’ के स्थान पर अब ‘टैक्स इयर’ शब्द का उपयोग किया जाएगा।
- नया इनकम टैक्स बिल
- New Income Tax bill
- लोकसभा में हो सकता है आज पेश
- 1 अप्रैल, 2026 से लागू होने की उम्मीद
- इनकम टैक्स एक्ट 1961 को रिप्लेस करने का प्रस्ताव
- अब इनकम टैक्स एक्ट 2025 कहा जाएगा
- सब-सेक्शंस को फुल सेक्शन में बदलने का प्रस्ताव
- एक्ट में शामिल हैं 536 क्लॉज का प्रस्ताव
- यह प्रस्ताव सेक्शन बन जाएंगे
- नए विधेयक में 16 अनुसूचियों का भी प्रस्ताव
- 16 अनुसूचियां 600 पन्नों से ज्यादा की होंगी
- नए टैक्स सिस्टम के लिए स्पेशल चैप्टर शामिल
- खत्म होंगी अनावश्यक धाराएं
दरअसल देश में इनकम टैक्स कानून को लेकर बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। केन्द्र की एनडीए सरकार की ओर स नया आयकर विधेयक-2025 का ड्राफ्ट बुधवार को ही जारी कर दिया गया है। इस नए ड्राफ्ट में कई परिर्तन किये गये हैं। इन बदले गये प्रावधानों की बात कर तो आपकी कौन-कौन सी इनकम है जो आपकी टोटल इनकम में कैलकुलेट नहीं होंगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 पेश करने वाली हैं। इससे पहले एनडीए सरकार की ओर से इनकम टैक्स बिल का ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है। इस नए बिल का उद्देश्य आयकर कानून को और अधिक सरल बनाने के लिए उसकी भाषा में कई बदलाव किए गये हैं।
सबसे बड़ा परिवर्तन यह किया गया है कि टैक्स कैलकुलेशन के लिए ‘फाइनेंशियल इयर’ या ‘असेसमेंट इयर’ के स्थान पर अब ‘टैक्स इयर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 में यह उल्लेख किया गया है कि आपकी कौन-कौन सी और किस प्रकार की आय को टैक्स कैलकुलेशन के समय कुल आयम का हिस्सा नहीं माना जाएगा। इसके लिए कई तरह के नए नियम भी बनाए गए हैं।
कौन कौन-सी आय नहीं होगी कुल आय का हिस्सा?
नए इनकम टैक्स बिल के चैप्टर थ्री में यह उल्लेखित किया गया है कि आपकी कौन-कौन सी आय टोटल इनकम का हिस्सा नहीं होंगी। नए इनकम टैक्स बिल की अनुसूची-2,3, 4,5,6 और 7 में जो क्लॉज बनाए गए हैं, उन सभी की कैटेगरी में आने वाली आय को अब टैक्स का कैलकुलेशन करने के लिए टोटल इनकम का हिस्सा नहीं माना जाएगा। बल्कि ये अनुसूची में बताए गए नियमों के अनुसार अलग-अलग कैलकुलेट की जाएगी। इसमें खेती से होने वाली आय, बीमा से मिलने वाला पैसा और पीएफ से होने वाली इनकम आदि को शामिल किया है।
हालांकि नए इनकम टैक्स बिल में यह भी बताया गया है कि अनुसूची में बताई गई कैटगरीज के लिए जो शर्तें पहले से तय की गई हैं अगर वे शर्ते किसी टैक्स इयर में पूर्ण नहीं होती हैं, तो उन पर टैक्स का कैलकुलेशन फिर उस साल की कर नियमावली के अनुसार ही लिया जाएगा।वहीं केंद्र सरकार नए इनकम टैक्स बिल की अनुसूची-2,3,4,5,6 और 7 के लिए नियम भी बना सकती है। इसके साथ ही उनके लिए नए नोटिफिकेशन भी जारी कर सकती है।
राजनीतिक दल और इलेक्टोरल ट्रस्ट्स की आमदानी को कुुल आय में शामिल नहीं किया जाएगा। स्पष्ट है कि किसी राजनीतिक पार्टी या इलेक्टोरल ट्रस्ट की कुल आय को कैलकुलेट करते समय नए इनकम टैक्स बिल की अनुसूची-8 के नियम लागू होंगे। बता दें अनुसूची-8 में उल्लेखित है कि राजनीतिक पार्टियों को अपनी संपत्ति से आय, कैपिटल गेन इत्यादि का हिसाब-किताब रखना होगा। वे 20 हजार रुपए की राशि से अधिक के अगर इलेक्टोरल बॉन्ड लेते हैं, तो उस राशि का रिकॉर्ड राजनीतिक दल को रखना होगा। 2 हजार रुपए से अधिक का डोनेशन वे नहीं ले सकते हैं। अगर ऐसा करते हैं तो उन्हें इस राशि का रिकॉर्ड रखना होगा।
(प्रकाश कुमार पांडेय)