राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में खाप पंचायतों भी उतर आईं है। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहीं हैं। इसके बीच हरियाणा की सभी खापों के प्रतिनिधि अपना समर्थन देने और पहलवानों के साथ एकजुटता जताने के लिए रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचने वाले हैं।। जंतर-मंतर पर सर्व खाप महापंचायत बुलाई गई है। ऐसे में दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने पहले ही दिल्ली की ओर जाने वाले सीमा बिंदुओं पर निगरानी तेज कर दी है। सिंघु बॉर्डर पर पुलिस मुस्तैद नजर आ रही है। इतना ही नहीं बैरिकेडिंग और मिट्टी से भरे डंपर तैयार किये गये हैं।
- महिला महलवानों का कथित यौन उत्पीड़न का आरोप
- बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवान
- जंतर मंतर पर जारी है कई दिनों से धरना प्रदर्शन
- प्रदर्शनकारी पहलवानों को मिला खाप पंचायतों का साथ
- दिल्ली के लिए रवाना हुए 20 खापों के प्रतिनिधि
- सोरम चौपाल में खाप पंचायतों की आमसभा
बता दें एसोसिएशन प्रमुख द्वारा कथित यौन उत्पीड़न का विरोध कर रहे पहलवानों और सरकार के बीच गतिरोध तेज होने के बीच, हरियाणा की कम से कम 20 खापों के प्रतिनिधि रविवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर अपना समर्थन देने और एकजुटता व्यक्त करने के लिए पहुंचेंगे. महिला पहलवान। पहलवानों का कहना है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। पहलवानों की हड़ताल को अब सभी खाप पंचायतों का समर्थन मिल गया है। मुजफ्फरनगर जिले के सोरम चौपाल में सभी खाप पंचायतों की आम सभा बुलाई गई है। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि पहलवानों के इस धरने को सभी खाप पंचायतें अपना समर्थन देंगी। सात मई को करीब 20 खाप पंचायतें दिल्ली आकर पहलवानों का समर्थन करेंगी।
पहलवानों का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे
20 से अधिक खाप पंचायतों के मुखियाओं ने एक दिन पहले शनिवार को एक बैठक आयोजित की और कहा कि वे रविवार को दिल्ली पहुंचेंगे। उन्होंने हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोगों से पहलवानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचने का आग्रह भी किया। महम चौबीसी सर्व खाप के प्रमुख मेहर सिंह नंबरदार ने बैठक की अध्यक्षता की और पुलिस द्वारा बुधवार रात कथित तौर पर पहलवानों के साथ किए गए व्यवहार की निंदा की। उन्होंने कहा यह लड़ाई बेटियों के सम्मान के लिए की जा रही है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा प्रधानमंत्री और उनकी कैबिनेट इस गंभीर मुद्दे पर चुप कैसे है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग इस मुद्दे को भटकाने की कोशिश में जुटे हैं। हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह जो भी इसी तरह के आरोपों का सामना कर रहे हैं मंत्री पद का आनंद ले रहे हैं। चंडीगढ़ पुलिस भी उन्हें गिरफ्तार करने में विफल रही है। बीजेपी महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती है।
विरोध की विश्वसनीयता को धक्का पहुंचा: लेखी
दूसरी ओर, बीजेपी ने आरोप लगाया है कि “बदनाम” राजनेताओं के बाद विरोध की विश्वसनीयता “नुकसान” हुई है, और “जो लोग घोटालों में शामिल थे” उनके साथ शामिल हो गए। मीनाक्षी लेखी ने कहा “सरकार का पहलवानों और महिलाओं के प्रति बहुत संवेदनशील रवैया है। हम इस मामले को लेकर बहुत संवेदनशील हैं। हम वह सब कुछ कर रहे हैं जो कानून के मुताबिक करने की जरूरत है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस कर्मियों और पहलवानों के बीच हाथापाई की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है।
खिलाड़ियों ने लगाए ये आरोप
महिला खिलाड़ियों ने आरोप लगाया है कि WFI के अध्यक्ष और कुछ कोच लड़कियों का यौन उत्पीड़न करते हैं। इतना ही नहीं फेडरेशन के चहेते कोच महिला कोचों के साथ भी बदसलूकी करते हैं। अध्यक्ष गाली-गलौज के साथ बात करते हैं। खिलाड़ियों को पीटते हैं। नीचा दिखाते हैं। खिलाड़ियों को मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है। विशेष रूप से खिलाड़ी और उनके राज्य को टारगेट किया जाता है। घायल होने की स्थिति में फेडरेशन खिलाड़ियों की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। फेडरेशन के अध्यक्ष का आदेश होने पर कभी भी नियम बदल दिए जाते हैं। इतना ही नहीं कुश्ती संघ खिलाड़ियों के निजी जीवन में भी दखल देता है। इस सब के खिलाफ और संघ के खिलाफ कोई आवाज उठाता है तो उसे धमकाया जाता है।