भारत में जहरीली शराब से हर साल करीब ढाई से 3 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वहीं दुनियाभर में शराब से मरने वालों का आंकड़ा देखें तो यह चौंकाने वाला है। बिहार, गुजरात, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश ओर अब तमिलनाडू ऐसे कई राज्य हैं जहां शराब पीने से मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है। खासकर जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
- शराब पीने से हर साल भारत में करीब तीन लाख लोगों की मौत
- कौन है जहरीली शराब से मौत का गुनहगार…अब तक जाम में जाएगी जान
- कई घरों के घरों के चिराग इसलिए बुझ गए क्योंकि जहरीली शराब का खपाई जा रही है
- जहरीली शराब से मौत के अब तक कई मामले सामने आ चुके हैं
ताजा मामला तमिलनाडू के कल्लाकुरिची जिले में सामने आया है। जहां जहरीली शराब पीने से करीब 30 लोग मौत के आगोश में समा गये जबकि 100 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले पंजाब के सिंगरुर में शराब पीने से करीब 21 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। इसके अलावा कुछ दिनों पिछले परिहार और सिलवानी जैसे जिलों में भी जहरीली शराब से मौत के मामले सामने आ चुके हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो भारत में शराब से हर साल करीब ढाई लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। शराब पीने वाले हर शख्स को इसके दुष्परिणाम अच्छी तरह से पता होता है फिर भी लोग इसे पीने का मोह नहीं छोड़ पाते हैं। चलिए हम जानते हैं कि हर साल भारत के साथ दुनियाभर में शराब पीने से कितने लोगों की मौत हो जाती है।
हर साल इतने लोगों की जान ले लेती है शराब
शराब और जहरीली शराब पीने के चलते हर साल करीब 30 लाख लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। यह आंकड़ा दुनियाभर में हो रही कुल मौतों का करीब 5.3 प्रतिशत के आसपास है। भारत में करीब ढाई से तीन लाख लोगों की मौत हर साल शराब के सेवन से होती है। शराब पीने के चलते करीब 200 प्रतिशत हेल्थ प्रॉब्लम्स जन्म ले सकती हैं। इसके बाद भी दुनिया भर में प्रति व्यक्ति शराब की खपत पुरुषों में करीब 20 लीटर और महिलाओं में करीब 7 लीटर के आसपास है।
इस तरह लगती है शराब की लत
शराब पीने की लत से लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं। फिर यह सवाल उठता है कि आखिर लोग इतना सब जानने के बादइ भी इसे क्यों पीते हैं और इसकी लत क्यों और कैसे लग जाती है। हम तो बता दें एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि किसी भी आदत या लत बनने के लिए तीन जरूरी चीजें होती हैं। पहली संकेत, दूसरी दोहराव और तीसरी चीज होती रिवॉर्ड। यह लत या कहें आदत किसी भी तरह की हो सकती है। कई लोगों को चाय पीने की लत? वे हर कभी चाय पीने को आतुर रहते हैं। कुछ लोगों खासकर महिलाओं में शॉपिंग की लत देखी जाती है। युवाओं में अक्सर पोर्न की लत या फिर शराब पीने की लत अब आम बात है।
शौक से शुरुआत…शोक पर खत्म !
शराब को वैसे तो शुरुआत में व्यक्ति शौकिया तौर पर पीना शुरू करता है लेकिन उसके थोड़े ही समय बाद उसका मन कभी-कभी शराब पीने का होता है। शराब पीने वालों में अक्सर देखा जाता है कि वे यही सोचते हैं कि कभी-कभी शराब पीने से कोई नुकसान नहीं होता। उनके दिलो और दिमाग को रिवॉर्ड मिलेगा। यानी शराब पीने वाला यह सोचता है कि शराब पीने से उसे अच्छा महसूस होगा। उसे शराब के घूंट में उसकी हर तरह की परेशानी दूर होने की भ्रम महसूस होने लगता है। इसके बाद यह चक्र लगातार चलता ही रहता है और धीरे धीरे व्यक्ति शराब का आदी हो जाता है जब तक वह कुछ समझे इससे पहले उसे शराब की लत लग चुकी होती है। बस इसके बाद तो हर दिन उसे शराब पीने की इच्छा होती रहती है और यहीं हर दिन शराब पीने की लत उसे मौत के करीब ले जाती है।
शराब पीने से शरीर में बनता है टेट्रा हाइड्रो आइसोक्वीनोलिन
कोई शख्स जब हर दिन बगैर नागा के रेगुलर और ज्यादा मात्रा में शराब पीना शुरू कर देता है तो उस शख्स के शरीर में ‘टेट्रा हाइड्रो आइसोक्वीनोलिन’ नाम का केमिकल बनने लगता है। इसे आसान भाषा में समझे तो यह केमिकल न्यूरोट्रांसमिटर्स के जरिए बताता है कि संबंधित व्यक्ति के शरीर को और अल्कोहल की आवश्यकता है। इस जिसके बाद व्यक्ति चाहकर भी शराब का मोह नहीं छोड़ पाता और शराब की लत में वह फंस चुका होता है।
तमिलनाडु में जहरीली शराब ने ली 30 लोगों की जान
तमिलनाडु में कल्लाकुरिची जिले से बड़ी खबर आ रही है। यहां कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से करीब 30 लोग मौत के आगोश में समा गये जबकि 100 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। कल्लाकुरिचि के कलेक्टर एमएस प्रशांत ने पूरे मामले की पुष्टि की है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। कलेक्टर एमएस प्रशांत ने जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती लोगों से मुलाकात की। बता दें इस मामले में अवैध शराब विक्रेता के. कन्नुकुट्टी को गिरफ्तार कर किया है। उसके पास से करीब 200 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है। जिसकी जांच में सामने आया कि शराब में घातक मेथनॉल मौजूद था। वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जहरिली शराब से हुई मौत पर दुख जताते हुए कहा कि इस तरह की घटना को रोकने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। सरकार ने जिले के कलेक्टर और SP हटा दिया है। इसके साथ ही घटना की जांच CID को सौंप दी गई है।
भारत में बनाई जाती है 40 प्रतिशत अवैध शराब
एक अनुमान के अनुसार भारत में लोग हर साल करीब पांच अरब लीटर शराब पी जाते हैं। इसमें 40 प्रतिशत से ज्यादा अवैध तरीके से शराब बनाई जाती है। अवैध तरीके से बनाई गई शराब सस्ती होती है। खासकर ग्रामीण इलाकों में देसी शराब सबसे ज्यादा पी जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अनुमान है कि भारत में शराब की जितनी खपत हर साल होती है, उसमें से करीब 50 प्रतिशत शराब अवैध तरीके से बनाई और बेची जाती है। ये जितनी सस्ती होती उतनी ही रिस्की भी होती है। दरअसल इसे बनाने की प्रक्रिया खासी खतरनाक है और यही प्रक्रिया जानलेवा बन जाती है। क्योंकि जो लोग अवैध शराब बनाते हैं उन्हें इसके आसवन या बनाने की सही विधि या कहें प्रक्रिया का ना तो ज्ञान होता है और ना ही वो इस बात की परवाह करते हैं कि जहरीली होने पर क्या होगा। इसके डिस्टिल करने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल और मुश्किल होती है। इसे विशेषज्ञ ही कर सकते हैं। शराब बनाने की प्रक्रिया में पहले मिथाइल निकलता है। इसके बाद इथाइल निकलता है। ऐसे में यह पता होना बहुत जरूरी है कि कैसे इथाइल को अलग किया जाता है। मिथाइल को सहीं तरीके से अलग नहीं किये जाने पर पूरी शराब ही जहरीली हो जाती है।