नई दिल्ली: पिछले दो दिनों से एक सर्वे की देश भर में चर्चा है। एक निजी समाचार चैनल और रिसर्च संस्थान के सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि अगर आज चुनाव हुए तो देश में फिर से एक बार भाजपानीत एनडीए की ही सरकार बनेगी और भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी अभी भी देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे पसंदीदा नेता बने हुए हैं। दूसरे स्थान पर जो नेता केजरीवाल हैं, मत प्रतिशत में दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है। पहले, आपको इस सर्वे की कुछ बातें बताएंगे, फिर उसके कारणों को समझेंगे।
- सर्वे में जो बात सामने आई है उसके मुताबिक एक बार फिर मोदी सरकार केंद्र में आने जा रही है, हालांकि उसको सीटों को नुकसान उठाना पड़ेगा
- कांग्रेस को फायदा होगा लेकिन अब भी वह दहाई के आंकड़े तक ही सीमित दिख रही है
- सर्वे में कुछ राज्य ऐसे हैं जहां पिछली बार के मुकाबले इस बार बीजेपी को फायदा हो रहा है, तो वहीं कुछ राज्यों में काफी नुकसान भी हो रहा है, आज चुनाव हुए तो एनडीए को 298 सीटें मिल सकती हैं
- यूपीए के खाते में 153 सीटें जाती हुई दिख रही हैं तो वहीं अन्य को 92 सीटें मिल सकती हैं
- वोट प्रतिशत की बात की जाए तो इस बार एनडीए को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है
- आज चुनाव हुए तो सर्वे के मुताबिक एनडीए को 43 प्रतिशत वोट हासिल होंगे जो कि पिछली बार के मुकाबले काफी कम है, 2019 लोकसभा चुनाव में एनडीए को 60 फीसदी वोट हासिल हुए थे
- वहीं इस बार यूपीए को 29 प्रतिशत और अन्य को 28 प्रतिशत वोट हासिल हो सकते हैं
मोदी अब भी हैं पसंदीदा
आज चुनाव हुए तो बीजेपी को 543 सीटों में से 284 सीटें मिलने का अनुमान है हालांकि यह 2019 के मुकाबले काफी कम है। 2019 में बीजेपी को 303 सीटें मिली थी। वहीं कांग्रेस को आज चुनाव हुए तो 68 सीटों पर जीत हासिल हो सकती है तो वहीं अन्य के खाते में 191 सीटें हासिल हो सकती हैं। सर्वें के मुताबिक जनता पीएम के पद पर आज नरेंद्र मोदी को सर्वाधिक पसंद करती है। उनके काम को 67 फीसदी जनता ने बहुत अच्छा बताया है, तो 47 फीसदी जनता ने उनके कामकाज को सभी प्रधानमंत्रियों में सबसे अच्छा बताया है। अटलबिहारी वाजपेयी और इंदिरा गांधी भी उनसे पीछे ही हैं।
क्यों बने हैं मोदी अभी भी शीर्ष पर
नरेन्द्र मोदी के शीर्षस्थ पसंद होने के साथ ही लोगों ने उनकी आर्थिक नीति और विदेश नीति पर भी मुहर लगाई है। इसके पीछे के कारणों को अगर हम पॉइंटर्स में देखना चाहें तो कुछ ऐसे कारण होंगे।
- मोदी ने भाजपा के घोषणापत्र में शामिल वैसे मुद्दों को पूरा किया है, जिनको लेकर लंबे समय से उसके कोर वोटर्स को उम्मीद थी। जैसे राममंदिर हो या अनुच्छेद 370 का खात्मा। इन मसलों को पूरा कर मोदी ने अपने कैडर्स को यह भरोसा दिलाया है कि भाजपा आगे भी उनके लिए काम करती रहेगी।
- तीन तलाक का खात्मा हो या सीएए-एनआरसी पर काम। इन कामों से यह उम्मीद बंधी है कि भाजपा के घोषणापत्र में एक जो सबसे बड़ी बात अब भी बची है, यूनिफॉर्म सिविल कोड की, उसे भी मोदी ही पूरा कर सकते हैं और वह भी इस सरकार की प्राथमिकता है।
- कोविड काल में जिस तरह से मोदीनीत सरकार ने काम किया या अभी तक जिस तरह से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया जा रहा है, वह भी लोगों की पसंद को तय करने में मददगार है।
- पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है, लेकिन भारत में अभी भी मंदी के निशान नहीं हैं। इसके साथ ही विदेशनीति के मोर्चे पर इस सरकार ने जिस तरह आक्रामक नीति अपनाई है और वैश्विक मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, उससे भी लोगों की उम्मीद बंधी है।
- पाकिस्तान भारत के लिए लंबे समय से नासूर रहा है। अब तक की सरकारों ने फाख्ता उड़ाने के चक्कर में उस पर ध्यान नहीं दिया। आज टूटे-फूटे पाकिस्तान को देखकर भी भाजपा का कोर वोटर और एक आम हिंदुस्तानी पीएम मोदी में अपना मसीहा देख रहा है।