ईरान के तेल भंडार पर हमला हुआ तो बढ़ेंगे पेट्रोल-डीजल की कीमतें …..जानें बाइडेन ने क्यों जताई ये आशंका…
सावधान बढ़ सकते हैं पेट्रोलियम पदार्थ के दाम….
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के एक बयान ने विश्व में हलचल मचा दी है। दरअसल यह हलचल पेट्रोलियम पदार्थ के दाम को लेकर है, जो बढ़ाने वाले जो बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका इजराइल के साथ मिलकर ईरान के तेल भंडार को लेकर संभावित हमलों पर चर्चा कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाहर आते ही कच्चे तेल के दामों में करीब 5% तक की तेज़ी आ गई। पेट्रोल और डीजल के दाम जो बाइडन के बयान के बाद से अचानक बढ़ गये। कच्चे तेल की कीमतों में 5 प्रतिशत की तेजी आई है। जो बाइडेन ने कहा था कि ईरान के तेज भंडार पर यह हमला होता है तो कच्चे तेल के दाम का असर पेट्रोल और डीजल के दामों के साथ आम जनता को भी चुकाना पड़ जाएगा।
पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने की आशंका
बाइडन के बयान ने बढ़ाए कच्चे तेल के दाम
क्रूड ऑयल की कीमतों में दर्ज की गई 5% की वृद्धि
दरअसल इजराइल और ईरान के बीच जारी जंग अब परिणाम में बदलने लगी है। इस जंग के असर से भारत भी अछूता नहीं रहेगा। यहां भी जंग का देखने को मिल सकता है। क्योंकि अमेरिका की एक गोपनीय योजना की आहट ने इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम में तेजी ला दी है। अने वाले दिनों में अगर यह तेजी जारी रहती है तो इससे भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम में भी तेजी देखने को मिल सकती है।
बता दें कि गुरुवार 3 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में भारी उथल-पुथल नजर आई। जब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह कहा कि ईरान के तेल ठिकानों पर संभावित हमलों को लेकर अमेरिका इजराइल के साथ चर्चा कर रहा है। उनके इस बयान के बाहर आते ही तेल की कीमतों में करीब 5% तक की तेज़ी आ गई। जिसने वैश्विक ऊर्जा बाजारों में भी तनाव में डाल दिया है।
क्यों बढ़ रही ग्लोबल टेंशन?
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बयान ने निवेशकों ही नहीं व्यापारियों के बीच कच्चे तेल की आपूर्ति में रुकावट की आशंका को बल दिया है। दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादक देशों में से एक ईरान पर संभावित हमलों का अर्थ यही होगा कि वैश्विकस्तर पर तेल की आपूर्ति में कमी हो सकती है। जिससे वैश्विक बाजार में तेल के दामों में और भी वृद्धि की संभावना है।
कच्चे तेल के दाम पहले से ही मध्य पूर्व में जारी तनाव और संघर्षों के चलते अस्थिर बने थे। अब जो बाइडेन की इस नई घोषणा के बाद ब्रेंट क्रूड के दाम में करीब 5% की उछाल दर्ज की गई है। इसके साथ ही यह कीमतें बढ़कर $89 प्रति बैरल तक जा पहुंची हैं। बाजार विशेषज्ञों की माने तो ईरान के तेल ठिकानों पर यदि हमला किया जाता है, तो वैश्विक तेल आपूर्ति इससे प्रभावित होगी और इस पर गंभीर असर पड़ सकता है। जिससे ऊर्जा संकट और अधिक बढ़ने की आशंका बनी हुई है।
लंबे वक्त तक रह सकता है असर
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद सबसे पहले अमेरिका के ऊर्जा बाजारों में हलचल मची। ईरान के खिलाफ अमेरिका और इजराइल के बीच सहयोग से किसी भी कार्रवाई का वैश्विक बाजारों पर दीर्घकालिक समय तक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर तेल उत्पादन और उसकी सप्लाई चेन इससे बेअसर नहीं रह सकती। बाजार विश्लेषकों की माने तो आने वाले दिनों में तनाव और बढ़ता है। हमले की संभावना मूर्तरुप लेती है, निश्चित तौर पर तो तेल की कीमतों में और अधिक वृद्धि देखने को मिल सकती है।