विधानसभा और लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी तैयारियों में जुट गई है। हैदराबाद में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में कई अहम मुद्दों को लेकर रणनीति बनाई गई। वहीं कई फैसले भी लिए गए। इस बीच मीटिंग में सनातन धर्म पर उठे विवाद को लेकर भी नेताओं के बीच चर्चा हुई। पार्टी सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इस मामले पर सतर्कता और बीजेपी के एजेंडे में न फंसने की अपील पार्टी के दूसरे नेताओं से की है।
- हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक
- राहुल गांधी समेत कई नेता हुए शामिल
- सनातन धर्म विवाद से दूरी बनाने की दी सलाह
- विवाद से कांग्रेस को नुकसान,बीजेपी को फायदा
सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के साथ मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत कुछ नेताओं ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में साफ शब्दों में कहा है कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें नहीं फंसना चाहिए। इधर राहुल गांधी ने भी पार्टी नेताओं को सनातन विवाद से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा कि इसमें फंसने की बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर फोकस किया जाए। आमजन के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। गरीब वर्ग पार्टी का पारंपरिक वोट बैंक रहा है। वहीं राहुल गांधी ने यह भाी कहा कि कांग्रेस पार्टी को गरीबों के मुद्दे पूरी ताकत से उठाने चाहिए चाहे वो किसी भी जाति के हों।
कांग्रेस सभी धर्म का सम्मान करने वाली पार्टी-चिदंबरम
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बताया कि सनातन धर्म विवाद पर कांग्रेस के नेता बोलते हैं तो इससे पार्टी को ही नुकसान होगा जबकि भाजपा को फायदा होगा। वहीं बठक के ब्रीफिंग के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा ने कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान सनातन धर्म के मुद्दे पर किसी तरह की कोई चर्चा ही नहीं की गई। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस सभी धर्मों का सम्मान करने में विश्वास करने वाली पार्टी है। पी चिदंबरम ने यह भी कहा कि सनातन धर्म के मुद्दे पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से यह स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी अब सनातन धर्म के मुद्दे पर किसी भी विवाद में पड़ने को तैयार नहीं है। हालांकि चिदंबरम ने कहा वे डीएमके के लिए नहीं बोल रहे हैं। डीएमके ने कहा कि वह किसी भी धर्म के विरोधी नहीं हैं। दरअसल डीएमके जाति उत्पीड़न और जाति व्यवस्था के साथ चलने वाली चीजों जैसे महिलाओं का दमन, दलितों का शोषण उत्पीड़न उसके विरोधी हैं।