दुनिया भर में कई तरह की प्रथाएं है जिनको लोग मानते है. ऐसे ही चीनी संस्कृति में एक प्रथा है जिसमे होने वाले पिता अपनी गर्भवती पत्नी को पीठ पर उठा कर अंगारो पर चलता है. लोगो को कहना है की इस प्रथा को करने से गर्भवती महिला को बच्चा पैदा करते समय दर्द कम होता है और बच्चे की मां को कम दर्द सहन करना पड़ता है. अगर होने वाला पिता इस धधकते आग को बिना रुके पार कर लेता है तो मां को प्रसव पीड़ा कम होती है.
इस झुलसती हुई आग को पार करने वाली रसम को पुरुष इसलिए भी करते है क्यूंकि 9 महीने के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में कई हॉर्मोन्स निकलते है जिनकी वजह से उनको मूड स्विंग्स और अन्य कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इसके साथ गर्भवती मां को कई दर्द भी सहने पड़ते है इसलिए पुरुषों का कहना है की उनकी पिता बनने की राह भी आसान नहीं होनी चाहिए.
कई लोग इस रश्म को मां और बच्चे के लिए खतरनाक भी बताते है. कहते है की इस परांपरा को करते वक़्त मां और बच्चे की जान को खतरा हो सकता है. अगर कुछ दुर्घटना हो गयी तो काफी दिक्कत हो सकती है, किसी की जान भी जा सकती है. अगर यह परांपरा करते समय पिता का संतुलन बिगड़ जाये तो जान का खतरा भी हो सकता है. कई लोगो का यह भी कहना है की यह एक अनोखी परंपरा है जो दर्शाती है की एक पिता अपने बच्चे और अपनी पत्नी के लिए कितना कष्ट सह सकता है और वह उनसे कितना प्यार करता है. और कई लोग इस परंपरा को महिलाओं का सम्मान करने के जरिये के रूप में भी देखते है.